मजदूरों के बच्चे भी बन सकेंगे अफसर, सरकार चला रही ये योजना, करना होगा ये काम

गुलशन सिंह/बक्सर. अब मजदूर के बच्चे मजदूर नहीं अधिकारी बन सकेंगे, क्योंकि मजदूरों के कल्याण के लिए बिहार सरकार कई तरह की योजनाएं संचालित कर रही है. बक्सर श्रम विभाग के लेबर सुपरिटेंडेंट रिपुसूदन मिश्रा ने विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि मजदूरों के बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने में आर्थिक सहयोग सरकार कर रही है. यदि मजदूर का कोई बच्चा आईआईटी, आईएएस, डॉक्टर और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करता है तो उसकी पढ़ाई में आने वाले खर्च को सरकार उठाएगी.

हालांकि, इसके लिए शर्त है कि मजदूर श्रम विभाग से पंजीकृत हो और उसके पास लेबर कार्ड मौजूद हो. वहीं, श्रमिक की न्यूनतम आयु 18 साल और अधिकतम आयु 60 साल होनी चाहिए. निबंधन के लिए जिस श्रमिक ने 12 माह में 90 दिन मजदूर के रूप में कार्य किया है. उसी का निबंधन श्रम विभाग में ऑनलाइन हो पाएगा.

बीओसीडब्ल्यू बोर्ड के अंतर्गत चल रही 16 योजनाएं

रिपुसूदन मिश्रा ने बताया कि मजदूर को श्रम विभाग में निबंधन कराना जरूरी होगा. जो मजदूर पूर्व में निबंधन करा चुके हैं, वह संबंधित अफसर से मिलकर बच्चों का विवरण देंगे. जिसकी जांच के बाद छात्रवृति मिलनी शुरू हो जाएगी. उन्होंने बताया कि मजदूरों के हित में सरकार की ओर से बीओसीडब्ल्यू बोर्ड के अंतर्गत लगभग 16 महत्वाकांक्षी योजनाएं चलाई जा रही है. इसमें सन्निर्माण श्रमिकों के लिए जन्म से लेकर मृत्यु तक के अलग-अलग स्कीम्स है. जिनके तहत लाभ दिया जाता है. मिश्रा ने बताया कि यदि महिला श्रमिक है तो उसके घर बच्चा पैदा होने पर मातृत्व लाभ न्यूनतम 90 दिन की मजदूरी के तौर पर दिया जाता है. इसके अलावा यदि पुरुष सन्निर्माण श्रमिक है और उसने अपना निबंधन कराया है तो उसके घर बच्चे के जन्म लेने पर पितृत्व लाभ 6000 दिया जाता है.

बेटियों की शादी के लिए 50 हजार रुपए

रिपुसूदन मिश्रा ने बताया कि यदि मजदूर को बेटी है और उसकी शादी करनी है तो उसे भी 50 हजार रुपये सहयोग राशि दिया जाती है. वहीं, बिहार सरकार मज़दूरों के बच्चों की उच्च शिक्षा पर आने वाले खर्च के लिए सहायता प्रदान करती है. इसके अलावा आईटीआई और पॉलीटेक्निक के लिए 10 से 15 हजार रुपए सहायता राशि दी जाती है. वहीं, मजदूरों के बच्चों को क्लास करने जाने के लिए साइकिल भी दी जाती है. उन्होंने बताया कि योजनाओं के लाभ लेने के लिए श्रमिकों को नजदीकी वसुधा केंद्र पर जाकर निबंधन कराना होगा. यहां रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट निकलवाने पर उसके पीछे सारी योजनाएं अंकित मिलेंगी. जिससे संचालित योजनाओं के बारे में जानकारी मिल जाएगी.

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