भारत में है शिक्षकों का गांव, यहां से निकलकर विदेशों तक जगा रहे शिक्षा की अलख

मोहन ढाकले/बुरहानपुर. मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले में एक ऐसा गांव है. जहां पर गांव के हर दूसरे घर में एक शिक्षक है. इस बमबाड़ा गांव को अब शिक्षकों का गांव भी कहा जाता है. इस गांव के शिक्षक देश विदेश तक शिक्षा की अलख जगा रहे हैं. इस गांव के 250 से अधीक शिक्षक है जो सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को पड़ा रहे है. ग्रामीण इस गांव पर मां सरस्वती की कृपा मान रहे हैं. यहां के शिक्षक अब देश विदेश में अपनी सेवा दे रहे है खास बात इसमें यह भी है कि गांव में तीन से चार पीढ़ी तक एक ही परिवार से पिता दादा बेटा और पिता भी शिक्षक रहे हैं ऐसे करीब 5 परिवार है.

शिक्षक देश-विदेश में दे रहे सेवा

इस गांव के शिक्षक प्रमोद महाजन दुबई में प्राचार्य के पद पर अपनी सेवा दे रहे हैं. इन्होंने सरकारी स्कूल से शिक्षा ग्रहण की जिसके बाद शिक्षक बने अब वह विद्यार्थियों को पढ़ रहे हैं.

राष्ट्रपति के हाथों शिक्षक हो चुके हैं सम्मानित

गांव के शिक्षक सुधीर महाजन तत्कालीन राष्ट्रपति के हाथों से 2020 में सम्मानित भी हो चुके हैं जो आज महाराष्ट्र अमरावती की पोदार इंटरनेशनल स्कूल में अपनी सेवा दे रहे हैं.

मध्य प्रदेश में प्रेरणादाई बना गांव

मध्य प्रदेश में यह गांव अब शिक्षकों के लिए प्रेरणादायी बन गया है. यहां के शिक्षक हर समय होने वाली भर्ती में अपना परचम लहराते हैं जिसको लेकर अब इस गांव को शिक्षकों के गांव के नाम से भी जाने जा रहा है.

ग्रामीण मां सरस्वती का मानते हैं आशीर्वाद

शिक्षक महेंद्र महाजन राहुल चौधरी और कैलाश राऊत ने जानकारी देते हुए बताया कि इस गांव पर मां सरस्वती की कृपा है महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले से मिली प्रेरणा से ही गांव के 250 से अधिक शिक्षक विद्यार्थियों को सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे हैं यहां पर बहू ये भी कम पड़ी हुई आती है लेकिन उन्हें भी पढाकर शिक्षिका बना दिया जाता है ग्रामीण शिक्षा को अधिक महत्व देते हैं.

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