भारत-अमेरिका साझेदारी महात्मा गांधी के संरक्षक के सिद्धांत में निहित है : बाइडन

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उन्होंने एक अन्य पोस्ट में लिखा है, ‘‘आज राजघाट जाना और अपने साथी जी20 नेताओं के साथ पुष्पचक्र अर्पित करना सम्मान की बात थी। महात्मा गांधी का अहिंसा, सम्मान और सच्चाई का संदेश आज पहले से कहीं अधिक मायने रखता है– यह दुनिया को प्रेरित करता रहे और हमारे देशों के बीच संबंधों का आधार बना रहे।

राष्ट्रपति जो बाइडन ने रविवार को भारत-अमेरिका साझेदारी की सराहना करते हुए कहा कि यह महात्मा गांधी के संरक्षक के सिद्धांत में निहित है।
राष्ट्रपति बाइडन और जी20 देशों के अन्य नेताओं ने रविवार को नयी दिल्ली में महात्मा गांधी के स्मारक राजघाट पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
बाइडन ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया है, ‘‘भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी महात्मा गांधी के संरक्षक (ट्रस्टीशिप) के सिद्धांत में निहित है… ट्रस्टीशिप जो हमारे देशों के बीच साझा है और जो हमारे साझे ग्रह के लिए है। हमें आज यहां लाने के लिए धन्यवाद, प्रधानमंत्री।’’
ट्रस्टीशिप एक सामाजिक-आर्थिक दर्शन है जिसे गांधी जी द्वारा प्रतिपादित किया गया था। यह अमीर लोगों को एक ऐसा माध्यम प्रदान करता है जिसके द्वारा वे गरीब और असहाय लोगों की मदद कर सकें।

यह सिद्धांत गांधी जी के आध्यात्मिक विकास को दर्शाता है।
फिलहाल वियतनाम यात्रा के लिए हनोई में मौजूद बाइडन ने अपनी और जी20 नेताओं की एक तस्वीर भी पोस्ट की जिसमें वे महात्मा गांधी के स्मारक पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।
राजघाट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाइडन और जी20 नेताओं को ‘अंगवस्त्रम’ ओढ़ाकर उनका स्वागत किया। इस दौरान, पृष्ठभूमि में गुजरात के साबरमती आश्रम का चित्र दिख रहा था। आश्रम 1917 से 1930 तक महात्मा गांधी का निवास स्थान था और भारत के स्वतंत्रता संग्राम के मुख्य केंद्रों में शामिल था।

मोदी को नेताओं को आश्रम के महत्व के बारे में बताते, समझाते देखा गया।
बाद में जी20 नेताओं ने गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
बाइडन ने 19 सेंकेड का एक वीडियो भी पोस्ट किया है। उन्होंने एक अन्य पोस्ट में लिखा है, ‘‘आज राजघाट जाना और अपने साथी जी20 नेताओं के साथ पुष्पचक्र अर्पित करना सम्मान की बात थी। महात्मा गांधी का अहिंसा, सम्मान और सच्चाई का संदेश आज पहले से कहीं अधिक मायने रखता है– यह दुनिया को प्रेरित करता रहे और हमारे देशों के बीच संबंधों का आधार बना रहे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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