बेगानी शादी में अब्दुला दीवाना! भारत बनाम इंडिया की बहस में कूदा चीन, सामने आया ‘ड्रैगन’ का प्रोपेगेंडा टूल

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चीन का सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स है। इसी अखबार के अंदर कहा गया है कि इंडिया या भारत इसके साथ ही इस पर सवालिया निशान लगाया गया है। इसके साथ ही कहा गया है कि देश के पास और भी मुद्दे हैं।

भारत में जी20 की मेजबानी के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों का आगमन दिल्ली में शुरू भी हो चुका है। देश में एक अलग ही मुद्दे पर बहस भी चल रही है। ये बहस इंडिया बनाम भारत को लेकर है। इस मुद्दे पर चीन जबरदस्ती अपनी टांग अड़ाता नजर आ रहा है। जहां संयुक्त राष्ट्र संघ में चीन का पत्रकार सवाल पूछता है तो वहीं चीन का अखबार ग्लोबल टाइम्स इस मामले को लेकर तंज करता है। इस पूरे मामले में चीन कही न कही एक गैर जायज दिलचस्पी भी दिखा रहा है। ये भारत का आंतरिक मामला है। यूएन के अंदर भारत की तरफ से किसी तरह का कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया है। यूएन की तरफ से ये साफ किया गया कि अगर भारत की तरफ से कोई प्रस्ताव दिया जाता है तो उस पर यूएन विचार करेगा। जिस तरह से उसने तुर्की के तुर्किए नाम को लेकर विचार कर उसे स्वीकार किया था। ये किसी भी देश का अपना अधिकार करता है और ये चाहता है कि उसे नए नाम से जाना जाए। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र संघ उसी नाम को स्वीकार करता है। 

इस पूरे मामले को लेकर चीन दिलचस्पी दिखाते हुए तंज भी कस रहा है। चीन का सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स है। इसी अखबार के अंदर कहा गया है कि इंडिया या भारत इसके साथ ही इस पर सवालिया निशान लगाया गया है। इसके साथ ही कहा गया है कि देश के पास और भी मुद्दे हैं। चीन के अखबार का कहना है कि देश का नाम बदलने से ज्यादा अहम आर्थिक सुधार को बढ़ावा देना है। जी20 निमंत्रण पत्र में भी ये तंज किया गया कि जी20 के निमंत्रण पत्र में प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा गया है। ये भारत का अपना विशेषाधिकार है।

भारत में इस नाम पर विवाद शुरू हो गया। ये भारतीयों तक रहने देना चाहिए कि वो अपने देश का नाम कैसे तय करते हैं। विश्व का ध्यान जी 20 पर है। ऐसे में नई दिल्ली क्या संदेश देना चाहती है? इस सवालिया निशान के साथ चीन का सरकारी अखबार तंज  

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