बादलों के नहीं बरसने से खेतों की फसले सूखने की ओर अग्रसर

शादाब चौधरी/मन्दसौर: बारिश की सीजन के दो महीनें बीत चुके हैं, लेकिन जिले में अब तक औसत बारिश का आधा कोटा भी पूरा नहीं हुआ है. इसके परिणामस्वरूप, लोगों के लिए परेशानियों का समाधान करना मुश्किल हो रहा है, खासकर किसानों के लिए, जिनके लिए यह स्थिति काफी चिंताजनक है.

मन्दसौर जिला में मानसून की स्थिति बेहद खराब हो रही है, जिसका असर खरीफ की फसलों पर दिख रहा है. पिछले साल की तुलना में बारिश का आंकड़ा 20 इंच बढ़ गया है, जिसके कारण सूखे की स्थिति गंभीर हो रही है. इसके परिणामस्वरूप, किसानों को भी बारिश की कमी का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही, नगर पालिका भी 15 सितंबर तक बारिश की अपेक्षा कर रही है, और यदि बारिश नहीं होती है तो पेयजल सप्लाई का समय कम करने की योजना बना रही है.

पेयजल सप्लाई का समय घटेगा 
मन्दसौर जिले में पिछले साल इस समय औसत बारिश 33 इंच की थी, जबकि इस साल बारिश की खेंच कम हो रही है और केवल 16.92 इंच बारिश हुई है. मौजूदा में जलाशयों का जलस्तर भी कम हो रहा है और नगर पालिका इसे लेकर चिंतित है. अब तक केवल 21 फीट पानी फिलहाला डैम पर जमा है, लेकिन जमीन के जलस्तर कम होने से पानी के बढ़ने की भी आशंका है. रामघाट बांध पर 3 फीट 2 इंच पानी है. इस स्थिति के मद्देनजर, नगर पालिका अब तक की बारिश की खेंच के साथ 15 सितंबर तक बारिश की उम्मीद कर रही है, और पेयजल सप्लाई का समय 1 घंटे से 40 मिनट में घटाने की तैयारी कर रही है, यदि बारिश नहीं होती है.

देवता को प्रसन्न करने का किया प्रयास 
समूचे अंचल में बारिश की कमी के बाद लोगों ने विभिन्न तरीकों से देवता को प्रसन्न करने का प्रयास किया है. इसके मद्देनजर, सर्व समाज ने प्राथना रैली आयोजित की और गधे को गुलाब जामुन खिलाया. हाल ही में एक तस्वीर में दिखाई गई है, जिसमें इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए बैंड बाजे और ढोल के साथ एक जिंदा व्यक्ति की शव यात्रा तक शहर में निकाली गई है. इसके बावजूद, इंद्रदेव जिले से रूठे हुए हैं, क्योंकि बारिश नहीं हो रही है.

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