पहले दंपति ने खुद सीखी साइन लैंग्वेज, अब संवार रहे मूक-बधिर बच्चों का भविष्य

मेघा उपाध्याय/इंदौर. 5 सितंबर को पूरा देश शिक्षक दिवस मनाता है. इस दिन शिक्षकों को उनके अमूल्य योगदान के लिए धन्यवाद दिया जाता है. यह दिन न केवल शिक्षकों के लिए बल्कि छात्रों के लिए भी बहुत खास होता है. शिक्षक ही है जो एक छात्र को मिट्टी के घड़े के समान बिल्कुल शुरुआत से एक अच्छे व्यक्तित्व के रूप में आकार देता है. ऐसे ही इंदौर के मोनिका पुरोहित और ज्ञानेंद्र पुरोहित भी मूक बधिर बच्चों के जीवन को संवारने के लिए शिक्षक की भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने अब तक कई बच्चों को शिक्षित किया जो कभी देख, बोल और सुन नहीं पाते थे. यह सभी बच्चे आनंद सर्विस सोसायटी के आश्रम में निशुल्क रहते हैं और इन्हें हर तरह की शिक्षा यहां प्रदान की जाती है.

मोनिका पुरोहित के अनुसार उनके जीवन का एक ही लक्ष्य है कि इन बच्चों को सामान्य जीवन जीने का अधिकार दिलाना ताकि हर एक क्षेत्र में ये अन्य लोगों की तरह कदम से कदम मिलाकर चल सके. उनके इस काम को न केवल शहर बल्कि पूरे देश ने सराहा जब अमिताभ बच्चन के शो कौन बनेगा करोड़पति में इन्होंने आश्रम को रिप्रेजेंट किया.

पहले खुद हासिल की साइन लैंग्वेज में डिग्री 
मोनिका और उनके पति साइन लैंग्वेज में डिग्री भी हासिल कर चुके हैं ताकि इन बच्चों को और भी बेहतर तरीके से इनकी ही भाषा सिखा पाए, वे इन बच्चों के न केवल शिक्षक हैं बल्कि माता-पिता की तरह उनका ख्याल भी रखते हैं और समय-समय पर उनकी हर छोटी बड़ी जरूरत का ध्यान रखते हुए उन्हें पूरा करते हैं.

जिन बच्चों को दी शिक्षा, आज हैं वे सफल
बता दें ये अब तक यह कई बच्चों को शिक्षित कर चुके हैं और वह आज अलग-अलग क्षेत्र में सफलतापूर्वक अपना जीवन बिता रहे हैं. इतना ही नहीं समय-समय पर इन बच्चों को ऐसे लोगों को भी मिलवाया जाता है जो जीवन में बहुत कुछ हासिल कर पाए हैं ताकि उन्हें प्रेरणा मिल सके. साथ ही इनके सफल प्रयास से इंदौर में एक ऐसा पुलिस स्टेशन भी खुलवाया गया जहां मूक-बधिर बच्चे अपनी परेशानियों को खुलकर बता सके.

Tags: Indore news, Local18, Mp news, Teachers day

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