न्यूनतम दर पर प्राइवेट पैथोलॉजी करेंगे डेंगू की जांच

रजत भट्ट/गोरखपुरः उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिला अस्पताल में इन दिनों डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ रही है और इसके साथ ही जांच प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है. अब तक जिला अस्पताल में करीब 30 डेंगू के मरीज मिल चुके हैं. इसके परिणामस्वरूप, वार्ड्स और बेड भी आरक्षित कर दिए गए हैं. साथ ही, डेंगू के मरीजों का इलाज और जांच भी तेजी से चल रहा है.

लेकिन पिछले कुछ समय में जिला अस्पताल को प्राइवेट पैथोलॉजी के खिलाफ कुछ शिकायतें मिली हैं, जिसमें प्राइवेट पैथोलॉजी जांच के नाम पर मनमानी तरीके से लोगों से पैसे वसूल रहा है. इस बदलते स्थिति के बीच, नई न्यूनतम दरें भी तय की गई हैं.

न्यूनतम दरों का पालन

शहर में डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा है, और इसके साथ ही जिला अस्पताल ने प्राइवेट पैथोलॉजी के लिए न्यूनतम दरें भी तय की हैं. इस न्यूनतम दर के क्राइटेरिया में प्राइवेट पैथोलॉजी को जांच का पैसा लेना होगा. अगर उनके खिलाफ अधिक पैसे लेने की शिकायत मिली तो निश्चित रूप से उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

नोटिस देकर की जा रही कार्रवाई

डेंगू के फैलते मरीजों को देखते हुए जिला अस्पताल पहले से ही सतर्क हो गई थी. उनकी टीमें हर जगह जाकर लार्वा की जांच कर रही हैं और जहां लार्वा मिल रहा है, वहां नोटिस दिया जा रहा है. इसी सोमवार को, जिले में सात लोगों को नोटिस दिया गया. डॉक्टर बताते हैं कि डेंगू में एलाइजा टेस्ट किया जाता है, इसमें दो तरह के टेस्ट होते हैं, पहला आईजीएम और दूसरा आईजीजी. जिला अस्पताल प्रशासन ने साफ किया है कि प्राइवेट पैथोलॉजी में इन जांचों के मनमानी पैसे लेने पर कार्रवाई होगी.

जानिए कैसे करें बचाव?

डेंगू से बचने के लिए लोगों को अपने घर के आसपास साफ सुथरा रखना होगा. इसके लिए ध्यान देने योग्य बातें यह हैं कि घर की छत पर या अगल-बगल कहीं पर पानी जमा न होने चाहिए, क्योंकि डेंगू के लार्वा सबसे ज्यादा पानी में ही पाए जाते हैं. साथ ही, सफाई का ध्यान देना होगा और थोड़ी सी शक या बीमारी के लक्षणों पर डेंगू की जांच करवाना चाहिए. वहीं, अगर प्राइवेट पैथोलॉजी जांच के लिए अधिक पैसे मांगती है, तो जिला अस्पताल में इसकी शिकायत की जा सकती है.

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