कानपुर3 घंटे पहले
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कानपुर में चार साल पहले जानलेवा हमले में कोर्ट से दोषमुक्त व्यक्ति के खिलाफ वारंट जारी हो गया। बर्रा पुलिस ने भी उसे अरेस्ट करके कोर्ट में पेश किया। रविवार देर शाम रिमांड मजिस्ट्रेट ने पूरे मामले की सुनवाई करने के बाद 20-20 हजार रुपए की जमानत पर रिहा कर दिया।
हत्या के प्रयास में बरी होने के बाद भी कोर्ट ने जारी किया अरेस्टिंग वारंट
कानपुर में वर्ष-2008 में बर्रा में रहने वाले नौमी लाल गुप्ता के खिलाफ एक व्यक्ति ने हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया था। कोर्ट में ट्रायल के दौरान ज्यादातर गवाहों ने नौमी लाल के पक्ष में गवाही दी और कोर्ट ने 2019 में नौमी लाल को दोषमुक्त करार देते हुए बरी कर दिया था। अब चार साल बाद कोर्ट से उसके खिलाफ उसी मामले में गिरफ्तारी का वांरट जारी हुआ।
कोर्ट के आदेश् पर पुलिस ने रविवार को नौमी लाल को अरेस्ट कर लिया। रविवार की वजह से रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। नौमी लाल के अधिवक्ता अनंत शर्मा ने बरी होने के बाद भी गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बात बताते हुए रिहा करने का प्रार्थना पत्र अदालत में दिया। इस पर उसे जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
गलती से अरेस्टिंग वारंट जारी होने की आशंका
अधिवक्ता अनंत शर्मा ने बताया कि कोई मुकदमा न होने की वजह से नौमी को जेल भी नही भेजा जा सकता था और वारंट भी ऐसे मुकदमे में था जिसमें दोषमुक्त हो चुका है। काफी विचार के बाद कोर्ट ने नौमी लाल को 20-20 हजार की दो जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि इस मुकदमे में एक और आरोपित था। वह फरार चल रहा था। उसकी फाइल अलग कर दी गई थी। हो सकता है कि उसका गिरफ्तारी वांरट बनाते हुए दोषमुक्त होने के बावजूद नौमी लाल का भी वारंट जारी हो गया।