भास्कर ठाकुर/सीतामढ़ी. अमूमन देखा जाता है कि रिटायर होने के बाद ज्यादातर लोग आराम की जिंदगी बिताना पसंद करते हैं. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपने को रिटायर होने नहीं देते, कुछ न कुछ करते रहते हैं. कुछ ऐसी ही ललक सीतामढ़ी के एक रिटायर्ड दरोगा के मन में आया और उनकी इसी ललक ने रिटायरमेंट के बाद उन्हें मालामाल कर दिया.
सीतामढ़ी जिला के कुम्मा गांव के रहनेवाले रिटायर्ड अब्दुल खां ने दारोगा के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद मुर्गी फॉर्मिंग शुरू कर दी. हालांकि शुरू में दिक्कतों का सामना करना पड़ा. लेकिन अब मुर्गी फार्मिंग के जरिए अंडा उत्पादन कर हर माह 3 से 4 लाख की कमाई कर रहे हैं. अब्दुल खां पिछले 3 वर्ष से मुर्गीपालन कर रहे हैं. व्यापार बढ़ने पर लोगों को रोजगार भी दिया है. उन्होंने बताया कि सही तरीके से लेयर मुर्गी फॉर्मिंग की जाए तो इसमें जबरदस्त मुनाफा है.
अब्दुल खां ने बताया कि मुर्गी फॉर्मिंग पेंशन के पैसे से तीन वर्ष पहले शुरू की थी. उन्होंने बताया कि स्काई लार्क नामक 6000 मुर्गी के नस्ल का पालन कर रहे हैं. स्काई लार्क एक कंपनी है जो मुर्गी उपलब्ध करवाती है. इसके आलावा मुर्गी को खिलाने के लिए जो दाना चाहिए होता है वे भी स्काई लार्क कंपनी की ही होती है. वहीं इसी कंपनी का दवा और टॉनिक भी उपयोग करते हैं. मुर्गी को अगर बीमारी लग जाती है उस पर रिसर्च भी किया जाता है. उन्होंने बताया कि मुर्गियां 6 हजार हैं और प्रतिदिन 5 हजार अंडों का उत्पादन होता है. कुछ मुर्गियां ऐसी हैं जो रोजाना अंडा नहीं देती हैं. इसलिए औसत उत्पादन 5 हजार है. उन्होंने बताया कि मुर्गी की देखभाल करना बेहद जरूरी है. साफ-सफाई पर ध्यान नहीं रखा गया तो बीमारी का खतरा बढ़ जाता है.
रिटायर्ड दारोगा अब्दुल खां ने बताया कि एक मुर्गी लगभग 2 वर्षों तक अंडा देती है. उसके बाद उसे बेच दिया जाता है. उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 5 हजार अंडों का उत्पादन होता है. इससे प्रति महीने 7 लाख से अधिक का टर्नओवर है. वहीं लगभग 3 लाख दाना और दवा पर खर्च हो जाता है. वहीं सब खर्च को काटकर हर माह 3 से 4 लाख की कमाई हो जाती है. उन्होंने बताया कि जो भी शख्स इस व्यवसाय से जुड़ना चाहता है तो शुरूआत में लागत भी अधिक लगेगा और मेहनत भी करनी पड़ेगी. जो इससे पार पा लिया तो फिर मुनाफा ही कमाएगा.
.
FIRST PUBLISHED : September 09, 2023, 16:28 IST