डेंगू प्रभावितों के घर पहुंचे नगर आयुक्त: एंटी लार्वा छिड़काव और फागिंग अभियान का लिया फीडबैक, प्रभावितों से मिलकर बताए उपाय

गोरखपुर3 मिनट पहले

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डेंगू और मलेरिया से बचाव के लिए नगर निगम सभी वार्डों में एंटी लार्वा छिड़काव और फागिंग करा रहा है। शनिवार को नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल इसका फीडबैक जानने और लोगों को जागरूक करने के लिए सड़क पर उतरे।

उन्होंने मूसलाधार बारिश के बीच बड़े काजीपुर, राप्तीनगर और आर्यनगर में डेंगू प्रभावितों के घर जाकर कुशल क्षेम पूछा। और फागिंग व एंटी लार्वा दवाओं के छिड़काव पर फीडबैक लिया। नगर आयुक्त ने लोगों को जागरुक किया कि घर के अंदर और आसपास गमलों और छत पर पड़े कबाड़, फ्रीज व कूलर में पानी एकत्र न होने दें।

बचाव के लिए मच्छरदानी लगाएं, फुल स्लीव के कपड़े पहने
नागरिकों से संवाद में नगर आयुक्त ने उन्हें बताया कि डेंगू एडिज मच्छर के काटने से होता है, जबकि मलेरिया एनोफिलीज मादा मच्छर के काटने से होता है। अपील किया कि मच्छर से बचाव के लिए मच्छरदानी, एंटी-मॉस्किटो क्रीम या ऑयल का प्रयोग करें। बारिश में घर से निकलते वक्त पूरी आस्तीन वाले कपड़े पहनें। निरीक्षण के दौरान जिन घरों के आस पास एवं घरों में गंदगी एवं पानी इकट्ठा मिला, ऐसे लोगों को नोटिस देने के लिए नगर स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया।

नगर आयुक्त के साथ एंटी लार्वा का छिडकाव करने वाली टीम भी चल रही थी। निरीक्षण के दौरान उन्होंने नालियों की साफ सफाई का भी जाएजा लिया। कई स्थानों पर नालियों पर किए गए अतिक्रमण की ओर भी अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट किया। नगर आयुक्त के साथ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मुकेश रस्तोगी भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिए गए दिशा निर्देश के क्रम में नगर आयुक्त ने नगर निगम के समस्त वार्डों साफ सफाई बनाए रखने, निरंतर एंटीलार्वा का छिड़काव एवं फॉगिंग कार्य कराए जाने की हिदायत दी है।

130 कर्मचारी 80 वार्डो में संचारी रोग नियंत्रण में जुटे
नगर स्वास्थ्य कर्मचारी डॉ मुकेश रस्तोगी ने बताया कि नगर निगम के 130 कर्मचारियों की ड्यूटी संचारी रोग नियंत्रण में लगाई गई है। 45 कर्मचारियों को निगम के कंट्रोल रूम, आईजीआरएस, डेंगू पीड़ितों एवं वीआईपी के घरों में आसपास सुबह एंटी लार्वा छिड़काव एवं शाम को फागिंग की ड्यूटी लगाई गई है। इसके अलावा प्रत्येक वार्ड में एक-एक कर्मचारी की ड्यूटी एंटी लार्वा छिड़काव एवं शाम को फागिंग में लगाई गई हैं। 45 मशीनों के जरिए हर फागिंग की जा रही है। एक बड़ी मशीन भी फागिंग के काम में इस्तेमाल हो रही है।

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