अनुज गौतम / सागर. बुंदेलखंड के सागर जिले में साल दर साल डिप्रेशन यानी तनाव के मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है. बच्चे, बूढ़े, युवा और महिलाओं से लेकर हर वर्ग के लोग चपेट मे आ रहे हैं. खासकर देश का भविष्य कहे जाने वाले बच्चे भी इस बीमारी का शिकार बन रहे हैं. बच्चों में बचपन से ही तनाव देखा जा रहा है. शुरुआत में पढ़ाई को लेकर, बड़े होने पर नौकरी को लेकर ,युवा पीढ़ी को तेजी से मनोरोगी बना रहा है. इस बीमारी को शुरुआत में इलाज कर लिया जाए तो अच्छा होता है.
साल दर साल बढ़ रही मरीजों की संख्या
इस पर बहुत काम करने के बाद भी अच्छे रिजल्ट नहीं आते हैं. पिछले 3 सालों के आंकड़ों की बात करें तो साल 2021 में 1000 महिलाएं और 1741 पुरुष यानी की कुल 2741 मरीज सामने आए थे. साल 2022 में 3777 महिलाएं और 1372 पुरुष यानी की कुल 5149 मरीज ने अपना इलाज कराया है. वहीं साल 2023 में महज जून माह तक ही 3112 सामने आ चुके हैं.
इन लक्षण से करें डिप्रेशन की पहचान
सागर जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ आदित्य दुबे ने बताया कि बेरोजगारी, तनाव, अकेलापन, आर्थिक पक्ष कमजोर, नशे की लत लगना इसके कारण है. अगर किसी व्यक्ति में आप डिप्रेशन या उसकी तनाव होने की पहचान करना चाहते हैं तो उनमें उदासी, घबराहट, चिन्ता, मायूसी, क्रोध, चिड़चिड़ाहट, शक, दौरे, मिर्गी, हिस्टीरिया, उन्माद, बहकी-बहकी बातें करना, अकेले में आवाजें सुनना, नकारात्मक व आत्महत्या के विचार, हीन भावना, याददाश्त व एकाग्रता में कमी, शराब, सिगरेट, तम्बाकू, गुटका, अफीम व अन्य नशा, विवाह उपरांत संबंधो में परेशानी, मनोयौन रोग, सिर दर्द, माईग्रेन, नींद का कम या ज्यादा होना एवं भूख में परिर्वतन, भावनत्मक समस्याएं ,रात्रि में बिस्तर गीला करना, डरावने सपने आना इसके लक्षण है.
हेल्पलाइन नंबर से ले सकते हैं मदद
अगर आपके किसी परिचित में ऐसे लक्षण दिख रहे हैं तो उसे तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टर से दिखलाएं. दवा के साथ काउंसलिंग जरूरी है. अगर कोई मरीज डॉक्टर के सामने नहीं आना चाहता है तो वह टोल फ्री नंबर 14416 या 18008914416 पर कॉल करके सलाह ले सकता
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FIRST PUBLISHED : September 11, 2023, 09:58 IST