सौरभ वर्मा/रायबरेली. कहते हैं कि डर के आगे जीत होती है. ऐसी ही जीत हासिल की है रायबरेली जिले के अयोध्या पुरी निराला नगर के रहनेवाले बाल कृष्ण श्रीवास्तव के बच्चों ने. इन बच्चों के बारे में जानकर आपको भी गर्व अनुभव होगा. इन बच्चों ने गरीबी को मात दे, सफलता की एक नई इबारत लिखी है. इनकी दो बेटियों व बेटे ने सरकारी नौकरी प्राप्त कर दिया यह साबित कर दिया कि कामयाबी के लिए आर्थिक स्थिति बहुत बड़ी बाधा नहीं होती.
बालकृष्ण श्रीवास्तव के मुताबिक, उनके तीनों बच्चों ने उनका सपना पूरा कर दिखाया. बड़ी बेटी नेहा श्रीवास्तव सहायक अध्यापक हैं, छोटी बेटी निधि श्रीवास्तव युवा विकास कल्याण अधिकारी हैं, साथ ही बेटा अभिनंदन श्रीवास्तव का अभी हाल ही में रेलवे आरआरसी में चयन हुआ है.
उन्होंने बताया कि वह जब भी किसी सरकारी कार्यालय में जाते थे, तो वहां कार्य करने वाले अधिकारियों को देखकर उनके मन में यही इच्छा जागृत होती थी कि काश, हमारे बच्चे भी इस तरह अधिकारी बन पाएं. यही सोचकर उन्होंने अपने बच्चों को पढ़ा-लिखा कर समर्थ बनाया. इसका नतीजा ये रहा कि उनके तीनों बच्चे केंद्र व प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
सहायक अध्यापक के पद पर तैनात नेहा श्रीवास्तव ने बताया कि हमें कभी अपने जीवन में हार नहीं माननी चाहिए. जब तक हमें हमारी मंजिल नहीं मिल जाती, हमें लगातार अपने लक्ष्य के प्रति प्रयासरत रहना चाहिए. परिस्थितियां कैसी भी हों, डटकर उनका सामना करना चाहिए. साथ ही उन्होंने बताया कि मेरी सफलता के पीछे सबसे बड़ा हाथ मेरी छोटी बहन व मेरे माता-पिता का है.
सबसे पहले मेरी बहन निधि श्रीवास्तव का क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी के पद पर चयन हुआ. जिससे मुझे ऐसा लगा कि अपने परिवार में बच्चों में सबसे बड़ी मैं हूं. जब मेरी छोटी बहन यह कर सकती है तो मैं क्यों नहीं. उसी से प्रेरणा लेते हुए मैंने यह मुकाम हासिल किया. मेरा एक छोटा भाई आरसी रेलवे 2019 कीपरीक्षा में चयनित हुआ है.
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FIRST PUBLISHED : September 08, 2023, 21:18 IST