जिसने किया था तालिबान की नाक में दम! भारत को अमेरिका देगा MQ-9 Drone

MQ-9 Drone

prabhasakshi

भारत को अमेरिका से एक-दो नहीं 31 एमक्यू 9 प्रीडेटर ड्रोन मिल सकते हैं। कुछ महीनों के अंदर ये दो खरब 57 अरब की डील पूरी हो जाएगी। सूत्रों के अनुसार रक्षा मंत्रालय ने इसके लिए अमेरिका को लेटर भी भेज दिया है।

अमेरिका का सबसे घातक एमक्यू 9 प्रीडेटर ड्रोन जिसने अफगानिस्तान में तालिबानी आतंकियों के खिलाफ जमकर तबाही मचाई थी। आसमान का वही जाबांज जिससे अमेरिका ने अलकायदा के आतंकी अलजवाहिरी तक को मार गिराया था। यही ड्रोन अब भारत की ताकत बनने जा रहा है। एलएसी से एलओसी तक ये भारत के आसमान की निगरानी करेगा। जरूरत पड़ी तो ये कई हजार फीट की ऊंचाई से भी दुश्मनों को बिना अपनी मौजूदगी का अहसास कराए मिसाइल वाला जवाब देगा। 

भारत को अमेरिका से एक-दो नहीं 31 एमक्यू 9 प्रीडेटर ड्रोन मिल सकते हैं। कुछ महीनों के अंदर ये दो खरब 57 अरब की डील पूरी हो जाएगी। सूत्रों के अनुसार रक्षा मंत्रालय ने इसके लिए अमेरिका को लेटर भी भेज दिया है। अमेरिका के रीपर ड्रोन को लेकर बात आगे बढ़ गई है। जेट इंजन तकनीक की ट्रांसफर पर भी चर्चा हुई है। अमेरिका से भारत 16 स्काई T गार्डियन और 15 सी- गार्डियन ड्रोन ले रहा है। इससे भारत की आम्र्ड फोर्सेस की इंटेलिजेंस क्षमता और निगरानी रखने की क्षमता बढ़ेगी। इसमें से 15 ड्रोन इंडियन नेवी को, 8 ड्रोन इंडियन आर्मी को और 8 ड्रोन एयरफोर्स को मिलेंगे। ये ड्रोन भारत में ही असेंबल किए जाएंगे। ड्रोन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी जनरल एटोमिक्स भारत में ग्लोबल मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरऑल (MRO) फैसिलिटी भी बनाएगी।

द्विपक्षीय बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने दोनों देशों के बीच डिफेंस पार्टनरशिप और मजबूत करने का वादा दोहराया। कहा कि दोनों देश स्पेस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे नए डोमेन में सहयोग बढ़ाएंगे और डिफेंस इंडस्ट्री के बीच भी सहयोग बढ़ेगा। दोनों नेताओं ने अमेरिका की जीई एरोस्पेस और भारत की एचएएल के बीच भारत में ही GE F-414 जेट इंजन बनाने के लिए प्रकिया आगे बढ़ने और निगोसिएशन की प्रक्रिया चलने का स्वागत किया। साथ ही इस ऐतिहासिक जॉइंट प्रोडक्शन और टेक्नॉलजी ट्रांसफर की प्रक्रिया में तेजी लाने को लेकर बात की। जीई-एफ-414 इंजन इंडियन एयरफोर्स के लिए बन रहे स्वदेशी फाइटर जेट में लगाए जाएंगे। दोनों देशों के प्रमुखों ने यूएस नेवी और भारत के मझगांव डॉकयार्ड के बीच हुए मास्टर शिप रिपेयर अग्रीमेंट को भी सराहा। 

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