जानिए भोजपुर के ‘जैन बाला विश्राम’ की कहानी! 1921 में हुई थी स्थापना

गौरव सिंह/भोजपुर : बिहार के आरा में एक ऐसा विद्यालय है, जहां देश के कई महापुरुष महात्मा गांधी से लेकर पंडित जवाहर लाल नेहरु आ कर न सिर्फ विद्यालय भ्रमण किया था, बल्कि सभी लोग विद्यालय के बारे में कुछ ना कुछ लिख कर गए है. ये विद्यालय पूरे बिहार के सबसे प्राचीन विद्यालय में से एक है. जिसका नाम जैन बाला विश्राम है. ये आरा के धनपुरा गांव में कई एकड़ में मौजूद है. इसकी स्थापना 1921 में हुई थी. यहां 1 से 12 वीं तक की पढ़ाई होती है.

जैन बाला विश्राम के नाम के पीछे कहानी है कि जैन समुदाय से जुड़ी चंदा मां श्री एक बाल विधवा थी. 12 साल की उम्र में वो विधवा हो चुकी थी. जिसके बाद उनके भैसुर ने उनको बनारस में पढ़ाया था. पढ़ाई खत्म होने के बाद चंदा मां श्री आरा आकर बाल विधवा महिलाओं को रहने और पढ़ाने के लिए एक आश्रम की स्थापना की थी. जिसका नाम जैन बाला विश्राम रखा गया.

बाल विधवा को नई जिदंगी देने का था सफल प्रयास

इस आश्रम में आरा और आसपास की सभी बाल विधवा महिलाओं को रखा जाता था. यहां आश्रम में रहने के साथ पढ़ाई, समाजिक ज्ञान, महिलाओं से जुड़े ज्ञान दिया था. क्योंकि बाल विधवा को उस जमाने में बहुत ही तुच्छ नजरों से देखा जाता था. उनको कोई सामने से देखना तो दूर बात नहीं करना चाहता था. इन सभी समस्याओं के वजह से चंदा मां श्री ने आश्रम की स्थापना की थी जो बाद में विद्यालय के रूप में संचालित होने लगा.

कई महापुरुष ने किया इस विद्यालय की सराहना

उस जमाने मे चंदा मां श्री के इस किये गए ऐतिहासिक कार्यों की चर्चा पूरे देश मे होने लगी थी. जिसका नतीजा ये निकला की जो भी महापुरुष, प्रधानमंत्री इधर से गुजरते थे, तो खुद इस आश्रम में जा कर चंदा मां श्री की तारीफ भी करते थे.

देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी खुद विद्यालय के रजिस्टर पर आश्रम के द्वारा किये गए कार्यो व्यख्या किये है. अपना हस्ताक्षर किए है. इसके अलावे पंडित जवाहर लाल नेहरू भी विद्यालय के सराहना में दो लाइन लिख कर हस्ताक्षर किए. इनके साथ राजेंद्र प्रसाद और सचिदानंद सिन्हा अपना व्यक्तव्य लिखे है. लिखे हुए रजिस्टर को आज भी इस विद्यालय के सचिव प्रशांत जैन तिजोरी में संभाल कर रखे है.

वर्तमान समय में दो पार्ट में संचालित होता है विद्यालय

ऐतिहासिक विद्यालय समय के साथ बिहार सरकार के अधीन आ गया और अभी दो पार्ट में विद्यालय एक ही कैम्पस में संचालित किया जाता है. पहले भाग में कक्षा 1 से 8 तक छात्राओं के लिए है, तो दूसरे भाग में 9वीं से ले कर 12वीं तक है. अभी भी इस विद्यालय में छात्राओं को बहुत सी सुविधाएं दी जाती है. जैसे कि पढ़ने के लिए लाइब्रेरी, प्रोजेक्टर के माध्यम से डिजिटल पढ़ाई, सैनिटरी पैड की व्यवस्था, क्विज और इत्यादि चीजें शामिल है.

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