कोलकाता. जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) के उन 12 वर्तमान और पूर्व छात्रों पर पोक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जायेगा, जिन्हें संस्थान के एक नए छात्र की दु:खद मौत के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. कोलकाता पुलिस के होमिसाइड विभाग ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. बंगाली ऑनर्स प्रथम वर्ष के छात्र की 10 अगस्त को एक छात्रावास की बालकनी से गिरने से मौत हो गई थी. संदेह है कि वह रैगिंग का शिकार हुआ था.
कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, “इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि मृतक छात्र 18 वर्ष से कम उम्र का था, और इसलिए उसे नाबालिग माना जाना चाहिए, 12 आरोपियों के खिलाफ पोक्सो अधिनियम के तहत धाराएं जोड़ने का निर्णय लिया गया है.” सभी 12 आरोपी छात्र फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और उन्हें 11 सितंबर को कोलकाता की निचली अदालत में पेश किया जाएगा.
पोक्सो अधिनियम के तहत प्रावधानों को शामिल करने की मांग सबसे पहले पश्चिम बंगाल बाल अधिकार आयोग ने इस आधार पर उठाई थी कि पीड़ित अपनी मृत्यु के समय नाबालिग था. इस दु:खद घटना ने जेयू परिसर के भीतर निगरानी और पर्यवेक्षण की दयनीय स्थिति को उजागर किया, खासकर छात्रावासों में जहां पूर्व छात्र संस्थान से निकलने के कई महीने बाद न सिर्फ रह रहे थे, बल्कि आवास संबंधी प्रशासनिक मामलों में अंतिम निर्णय भी वही करते थे.
जादवपुर विश्वविद्यालय की ओर से गठित समिति ने रिपोर्ट सौंपी
कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय में हुई स्नातक छात्र की मौत के मामले में विश्वविद्यालय द्वारा गठित समिति ने कुछ दिनों पहले मंगलवार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. एक अधिकारी ने बताया कि रिपोर्ट में छात्र के साथ रैगिंग की पुष्टि की गई है और इस मामले में आरोपी छात्रों को निष्कासित तथा एक निश्चित अवधि के लिए निलंबित करने की सिफारिश की गई है.
कार्यवाहक कुलपति बुद्धदेव साव ने बताया था कि समिति ने अपनी रिपोर्ट में कुछ सिफारिशें की है. इसके लिए कार्यकारी परिषद से मंजूरी लेनी होगी. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में लड़कों के मुख्य छात्रावास के ए2 ब्लॉक को स्नातक प्रथम वर्ष के छात्रों को छोड़कर अन्य सभी छात्रों को स्थानांतरित करने की सिफारिश की गई है. इसी ब्लॉक में प्रथम वर्ष के छात्र की मौत हुई थी.
कार्यवाहक कुलपति ने बताया कि समिति ने छात्र के साथ कथित तौर पर रैगिंग में शामिल पाए गए लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का भी सुझाव दिया है. उन्होंने यह भी बताया कि अलग-अलग अवधि के आधार पर सजा देने की सिफारिश की गई है और विचार के लिए सुझाव और सिफारिशों को कार्यकारी परिषद के सामने रखा जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : September 08, 2023, 23:20 IST