जातिवाद खत्म करो की रट और राजनीति जाति की, भीम संसद के बाद अब जदयू का मेगा प्लान

हाइलाइट्स

भीम संसद से दलित वोटरों को साधने की कवायद के बाद जदयू की नजर EBC वोटरों पर.
अति पिछड़े वोटरों को लुभाने के लिए 100वीं कर्पूरी जयंती को भव्य तरीके से मनाएगा जदयू.
कर्पूरी जयंती के मौके पर आगामी 24 जनवरी को बड़ी रैली की तैयारी में जुट गया है जदयू.

पटना. जदयू के तरफ से ‘कर्पूरी चर्चा’ कार्यक्रम पूरे बिहार के तमाम विधानसभा क्षेत्र में किया जा रहा है. अब जब कर्पूरी ठाकुर की १00वीं जयंती है, इस मौके पर चुनावी साल में जदयू बड़ी रैली के बहाने अति पिछड़ा वोटरों को लुभाने की तैयारी में है. जदयू के लिए इस रैली की अहमियत को आप इसी से समझ सकते हैं कि पार्टी मुख्यालय में जदयू अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के तत्वावधान में प्रदेश कार्यकारिणी एवं जिलाध्यक्षों की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई. इसमें तय किया गया कि पार्टी पटना के वेटनरी ग्राउंड में एक बड़ी रैली करेगी. दावा किया गया है कि लगभग 2 लाख अति पिछड़ा समाज के लोग इसमें पहुंचेंगे.

दरअसल, बिहार में जातिगत गणना के बाद अति पिछड़ा समाज सबसे बड़ी आबादी वाला जाति के तौर पर निकल कर आया है, जिसकी आबादी लगभग 36 प्रतिशत है और इतने बड़े वोट बैंक को अपने पाले में जो भी राजनीतिक दल कर लेगा वो लोकसभा चुनाव में बेहतर स्थिति में होगा. यही वजह है कि जदयू की नजर इस वोट बैंक पर पड़ गई है. अति पिछड़ा वोट बैंक की अहमियत बिहार के तमाम राजनीतिक दल समझते हैं. बीजेपी तो लगातार इस वोट बैंक में अपनी पैठ जमाने की कोशिश में भी लगी हुई है और इसके साथ ही वह जदयू को अति पिछड़ा विरोधी भी बताने में लगी हुई है.

जनता दल यूनाइटेड के बिहार प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि राजनीतिक रूप से ये समय बेहद महत्वपूर्ण है. 2024 का लोकसभा चुनाव दस्तक दे रहा है और 2025 के विधानसभा चुनाव में भी अधिक दिन शेष नहीं है. हमारे राज्य में जातीय गणना कराने और उसके आंकड़ों के अनुरूप आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने जैसे ऐतिहासिक निर्णय हुए हैं और यह सब सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में जदयू ने किया है.

जातिवाद खत्म करो की रट और राजनीति जाति की, भीम संसद के बाद अब जदयू का मेगा प्लान

उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ से पार्टी की अपेक्षा सबसे अलग और सबसे अधिक है. ऐसा इसलिए कि जदयू ने अतिपिछड़ा वर्ग के उत्थान के लिए हमारे नेता ने अनगिनत और असाधारण कार्य किए हैं. जिसके परिणामस्वरूप यह समाज प्रारंभ से लेकर आज तक जदयू का सबसे महत्वपूर्ण आधार रहा है. कुशवाहा ने कहा कि आज लोकसभा में जदयू के 16 में से 5 सांसद अतिपिछड़ा समाज से हैं. अभी हाल में सम्पन्न हुए जातिगत गणना को ही लें तो आप पाएंगे कि इसका सबसे अधिक लाभ अतिपिछड़ा समाज को होने वाला है.

वहीं, जदयू के अति पिछड़ा नेता और मंत्री मदन सहनी ने कहा कि 24 जनवरी को जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की 100वीं जयंती बड़े पैमाने पर आयोजित की जाएगी. हमलोग जननायक कर्पूरी चर्चा के समापन समारोह को भव्य से भव्यतम बनाने के लिए अभी से तैयारी में हम लोग जुट गए हैं. ये बहुत बड़ी रैली होगी और लोग लाखों की संख्या में जुटने वाले हैं. यहां से अति पिछड़ा समाज को बड़ा मैसेज दिया जाएगा.

वहीं, बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने जदयू के अति पिछड़ा रैली पर चुटकी लेते हुए कहा कि बिहार का अति पिछड़ा समाज बेहतर समझता है कि जदयू ने उनके लिए क्या किया है. बीजेपी जब सरकार में थी अति पिछड़ा समाज के किए कई कदम उठाए. रेणु देवी को उप मुख्यमंत्री बना कर इस समाज को इज्जत दी. आगे भी अति पिछड़ा समाज को उसका वाजिब हक भारतीय जनता पार्टी ही देगी.

Tags: 2024 Lok Sabha Elections, Backward Caste Politics, Bihar politics, Caste politics, CM Nitish Kumar, JDU news

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