चीन ने जी20 देशों से आर्थिक वैश्वीकरण को आगे बढ़ाने के लिए सहयोग का आह्वान किया

उनका कहना था कि एकजुटता और सहयोग दुनिया के लिए सही रास्ता है। उनके मुताबिक चीनी अर्थव्यवस्था कोविड-19 लॉकडाउन के बाद पटरी पर आने के लिए संघर्ष कर रही है। क्विंग ने कहा कि चीन लगातार सुधारों को तेज करेगा, खुलेपन का विस्तार करेगा, उच्च गुणवत्ता वाले विकास और आधुनिकीकरण को बढ़ावा देगा।

चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग ने शनिवार को जी20 के सदस्य देशों के बीच एकजुटता की जरूरत पर जोर दिया और आर्थिक वैश्वीकरण के लिए सहयोग, समावेशन एवं दृढ़ समर्थन का आह्वान किया।
चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) में दूसरे सबसे शक्तिशाली नेता की हैसियत रखने वाले क्विंग भारत की मेजबानी में आयोजित हो रहे वार्षिक जी20 शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति शी चिनफिंग के स्थान पर भाग लेने के लिए नयी दिल्ली पहुंचे हैं।
जी20 शिखर सम्मेलन के पहले सत्र को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री क्विंग ने कहा कि इस प्रभावशाली समूह को विभाजन की बजाय एकजुटता, टकराव की बजाय सहयोग और अलगाव के बजाय समावेशन की आवश्यकता है।

इस समूह के सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और वैश्विक आबादी के लगभग दो-तिहाई का प्रतिनिधित्व करते हैं।
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’के अनुसार, क्विंग ने जी20 सदस्यों से आग्रह किया कि आर्थिक वैश्वीकरण को दृढ़ता से बढ़ावा दिया जाए और औद्योगिक एवं आपूर्ति श्रृंखलाओं की स्थिरता को मिलकर बरकरार रखा जाए।
उन्होंने कहा कि जी20 सदस्यों को एकता और सहयोग की मूल आकांक्षा पर कायम रहना चाहिए और शांति एवं विकास की जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेनी चाहिए।
चीनी प्रधानमंत्री ने जी20 सदस्यों से आग्रह किया कि व्यापक आर्थिक नीतिगत सहयोग के माध्यम से वैश्विक आर्थिक विकास को पटरी पर लाने को बढ़ावा देने में साझेदार के रूप में काम करें।

उन्होंने कहा कि जी20 सदस्य देशों को हरित और कम कार्बन वाले विकास को बढ़ावा देने, समुद्री पारिस्थितिक पर्यावरण की रक्षा करने और वैश्विक सतत विकास को बढ़ावा देने में भागीदार बनने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
ली ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग की नए कदमों जैसे वैश्विक विकास पहल (जीडीआई), वैश्विक सुरक्षा पहल (जीएसआई) और वैश्विक सभ्यता पहल (जीसीआई) पर भी प्रकाश डाला, जिनका उद्देश्य देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देना है।
उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि मानवता की नियति साझा है। उन्होने सभी देशों से एक-दूसरे का सम्मान करने, मतभेदों को दूर करते हुए समान आधार बिंदु तलाशने और शांति से एक दूसरे साथ रहने का आग्रह किया।

चीनी प्रधानमंत्री ने कहा कि बड़े संकटों और आम चुनौतियों से कोई भी अछूता नहीं रह सकता। उनका कहना था कि एकजुटता और सहयोग दुनिया के लिए सही रास्ता है।
उनके मुताबिक चीनी अर्थव्यवस्था कोविड-19 लॉकडाउन के बाद पटरी पर आने के लिए संघर्ष कर रही है। क्विंग ने कहा कि चीन लगातार सुधारों को तेज करेगा, खुलेपन का विस्तार करेगा, उच्च गुणवत्ता वाले विकास और आधुनिकीकरण को बढ़ावा देगा।

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