चंद्रबाबू नायडू ने पूछताछ में नहीं किया सहयोग, पुलिस का आरोप-सवाल पूछा तो बोले-याद नहीं

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नायडू की न्यायिक हिरासत की मांग करते हुए रिमांड रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकारियों ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री को नंदयाल से विजयवाड़ा ले जाने के लिए एक हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की थी, लेकिन विपक्ष के नेता ने इसका इस्तेमाल करने से इनकार कर दिया.

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नायडू पर जांच में सहयोग ना करने का आरोप

रिपोर्ट में कहा गया है कि कार्यकर्ताओं ने काफिले को कई बार रोका, जो उनके द्वारा अपने पद के दम पर कानून प्रवर्तन अधिकारियों को डराए जाने का एक संकेत है. इसमें कहा गया है, ‘‘नायडू से उन नोट फाइल के आधार पर प्रश्न पूछे गए, जो इस ‘केस डायरी’ से जुड़े साक्ष्य का हिस्सा हैं, लेकिन उन्होंने सवालों का जवाब देते समय सहयोग नहीं किया और अस्पष्ट रूप से उत्तर दिया कि उन्हें तथ्य याद नहीं हैं. इस संबंध में, मध्यस्थों की उपस्थिति में रिपोर्ट तैयार की गई और उनके (नायडू) द्वारा विधिवत सत्यापित की गई.”

सीआईडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि सीआईडी कार्यालय लाए जाने के बाद नायडू से अपराधों में उनकी भूमिका के बारे में मध्यस्थों की उपस्थिति में पूछताछ की गई. रिपोर्ट के अनुसार, कानूनी सलाहकार से परामर्श करने, अपने परिवार के सदस्यों से मिलने और भोजन और जलपान करने के लिए उन्हें उनके अनुरोध के अनुसार पूछताछ से अल्पकालिक विश्राम दिया गया.

भष्टाचार मामले में हुई नायडू की गिरफ्तारी

इसमें कहा गया है कि टीडीपी प्रमुख के भागने का खतरा नहीं है. सीआईडी ने आरोप लगाया कि चंद्रबाबू नायडू और तेलुगु देशम पार्टी कथित अवैध धन के लाभार्थी थे. अदालत में दाखिल रिमांड रिपोर्ट के अनुसार, नायडू को आरोपी 37 (ए 37) के रूप में नामजद किया गया है. सीआईडी ने मामले में पूर्व सरकारी कर्मचारियों जी सुब्बा राव और के लक्ष्मीनारायण को क्रमशः ए1 और ए2 के रूप में नामजद किया है.

सीआईडी के दल ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री को शनिवार सुबह करीब छह बजे नंदयाल शहर के ज्ञानपुरम स्थित आर के फंक्शन हॉल के बाहर से गिरफ्तार किया था. नायडू को उस समय गिरफ्तार किया गया था, जब वह सभी सुविधाओं से लैस अपनी बस में सो रहे थे. आंध्र प्रदेश पुलिस ने कथित कौशल विकास निगम घोटाले में नायडू को शनिवार को ‘मुख्य षड्यंत्रकारी’ बताया था. ऐसा आरोप है कि इस कथित घोटाले से राज्य सरकार को 300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. सीआईडी प्रमुख एन संजय ने कहा था कि नायडू इस मामले के ‘मुख्य षड्यंत्रकारी’ थे.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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