शाश्वत सिंह/झांसीः वर्मी कंपोस्ट(vermi compost) के बारे में अधिकतर लोग जानते हैं.वर्मी कम्पोस्ट एक प्रकार की खाद है जिसको प्राकृतिक जैविक अपशिष्ट पदार्थ जैसे पौधे की सामग्री, बचा हुआ भोजन, कागज आदि को केंचुए द्वारा मृदा में जैव अपघटन करने से बनाई जाती है. केंचुए की मदद से खाद बनाने की प्रकिया को अब कई किसान अपनाने लगे हैं. केंचुआ जब मिट्टी को खाता है उसके बाद उसके शरीर से निकलने वाले सॉलिड वेस्ट को ही खाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि केंचुए के शरीर से निकलने वाला पानी भी आपके खेत के लिए बहुत फायदेमंद है.
झांसी स्थित केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक इस पर काम कर रहे हैं. केंचुए के शरीर से निकलने वाले इस चिपचिपे पानी को वर्मीवाश (Vermiwash) कहा जाता है. इस पर रिसर्च कर रहे कृषि वैज्ञानिक डॉ. अनिल कुमार राय ने बताया कि वर्मी कंपोस्ट बनाने की प्रक्रिया के दौरान केंचुए के शरीर से जो पानी निकलता है वह भी बहुत काम का होता है. जिस सीमेंट के बॉक्स में वर्मी कंपोस्ट बनाया जाता है उसके नीचे एक पाइप लगा दिया जाए तो आसानी से इस पानी को एक जगह जमा किया जा सकता है.वर्मीवाश (Vermiwash) एक तरल जैविक खाद है जो ताजा वर्मीकम्पोस्ट व केंचुए के शरीर को धोकर तैयार किय जाता है. वर्मीवाश के उपयोग से न केवल उत्तम गुणवत्ता युक्त उपज प्राप्त कर सकते हैं बल्कि इसे प्राकृतिक जैव कीटनाशक के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है.
बंजर खेत को हरा कर सकता है वर्मीवाश
इस पानी को एकत्रित करने के बाद इसे खेत में इस्तेमाल किया जा सकता है. यह पानी खेती के लिए बहुत फायदेमंद होता है. खेत में अगर किसी भी पोषक तत्व जैसे कार्बन, हाइड्रोजन, आक्सीजन, नत्रजन, फास्फोरस, पोटाश, कैल्शियम, मैग्निशियम एवं सल्फर की कमी होती है तो इस पानी की मदद से पूरी हो सकती है. वर्मीवाश इतना लाभकारी है कि बंजर खेत में भी हरियाली ला सकता है. कृषि विश्वविद्यालय किसानों को इसका इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित कर रहा है.
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FIRST PUBLISHED : December 9, 2023, 12:44 IST