क्या पेट्रोल-डीजल की खत्म होने वाली है जरूरत? पीएम मोदी ने ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस को किया लॉन्च

G-20 Summit in India PM Narendra Modi launched Global Biofuels Alliance: जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ग्लोबल बायोफ्यूल्स एलायंस का आगाज किया। उस वक्त पीएम मोदी के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज और इटली के पीएम जियोर्जिया मेलोनी भी थीं।

इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि सभी देश फ्यूल ब्लेंडिंग के क्षेत्र में काम करे, यह समय की मांग है। पीएम ने प्रस्ताव रखा कि पेट्रोल में इथेनॉल ब्लेंडिंग को ग्लोबल स्तर पर 20 फीसदी तक ले जाने के लिए पहल की जाए। एनर्जी की सप्लाई बनी रहे और पर्यावरण भी सुरक्षित रहे इसके लिए ब्लेंडिंग मिक्स निकालने का काम करना चाहिए।

क्या है बायोफ्यूल एलायंस का उद्देश्य?

ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस का उद्देश्य बायोफ्यूल का इस्तेमाल बढ़ाना है। इससे बायोफ्यूल मार्केट को मजबूती मिलेगी। इससे बायोफ्यूल का कारोबार सुविधाजनक होगा। तकनीकी सहायता प्रदान करने पर जोर दिया जाएगा।

बायोफ्यूल है क्या?

बायोफ्यूल का मतलब प्राकृतिक ईंधनों से है, जो पेड़-पौधों, अनाज, शैवाल और फूड वेस्ट से मिलता है। इसमें कार्बन कम होता है। अगर इसका इस्तेमाल बढ़ता है तो दुनिया में पेट्रोल-डीजल जैसे पारंपरिक ईंधनों पर निर्भरता कम होगी और पर्यावरण प्रदूषण भी कम होगा।

1890 में पहली बार इस्तेमाल हुआ बायोफ्यूल

बात 1890 की है। जर्मनी के मैकेनिकल इंजीनियर रुडॉल्फ डीजल ने डीजल इंजन बनाया था। बाद उनके नाम पर ही ईंधन का नाम डीजल बना। उन्होंने खेती के लिए इंजन को स्टार्ट करने लिए ऑयल का प्रयोग किया था।

एथेनॉल बनाने में अमेरिका अव्वल

दुनिया में सबसे ज्यादा एथेनॉल अमेरिका और ब्राजील में बनता है। जबकि बायोडीजल बनाने में यूरोप अग्रणी है। उसके बाद दूसरे नंबर अमेरिका और तीसरे नंबर इंडोनेशिया है।

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