कौन होते हैं शेरपा? जिनकी स्ट्रेटेजी बनाती है जी-20 और जी-8 जैसे सम्मेलनों को कामयाब – News24 Hindi

G20 India 2023 : देश की राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में दो दिवसीय जी-20 सम्मेलन का आयोजन शनिवार से शुरू होगा। इसमें कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष अथवा प्रतिनिधि जुट रहे हैं। भारत की ओर से नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत को जी-20 सम्मेलन के लिए शेरपा नियुक्त किया गया है।

जाहिर है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ वह भी अहम बैठकों और बातचीत के दौरान मौजूद रह सकते है। गौरतलब है कि शेरपा किसी सदस्य राष्ट्र के नेता के निजी प्रतिनिधि होते हैं। ये बातचीत और विवादों को सुलझाने में अहम भूमिका निभाते हैं।

जी-20 के लिए नियुक्त विभिन्न देशों के शेरपाओं ने पिछले कुछ दिन जलवायु परिवर्तन और यूक्रेन युद्ध के बाद ऐसे सम्मेलनों में विज्ञप्ति में इस्तेमाल की जाने वाली सटीक भाषा पर समय बिताए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के इमैनुएल मैक्रॉन, यूके के ऋषि सुनक और हजारों प्रतिनिधियों सहित 30 से अधिक राष्ट्राध्यक्ष शनिवार और रविवार को उपस्थित होंगे। यहां पर बता दें कि अमिताभ कांत से पहले पीयूष गोयल जी-20 के लिए भारत के शेरपा थे, जो वर्तमान में  वाणिज्य व उद्योग, टेक्सटाइल और उपभोक्ता मामलों के मंत्री हैं।

राष्ट्राध्यक्षों की मदद करते हैं शेरपा

जानकारों की मानें तो अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलनों में किसी देश की ओर शामिल होने वाले प्रतिनिधि को शेरपा कहा जाता है। ये शेरपा सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर अहम विषयों को विस्तार देते हैं। इसमें सबसे अहम यह है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहमति के लिए शेरपा सम्मेलन से पहले बातचीत करते हैं। इतना ही नहीं, ये शेरपा ऐसे सम्मेलनों में अपने नेताओं को बातचीत में मदद करते हैं। इनका काम है कि ये अपने राष्ट्राध्यक्षों की मदद करें।

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यह जानना भी रोचक है कि शेरपा को भारत के पड़ोसी देश नेपाल के मशहूर शब्द शेरपा से लिया गया है। शेरपा उन्हें कहा जाता है जो नेपाल में पर्वतारोहियों के लिए गाइड का काम करते हैं। कुछ ऐसी ही भूमिका इनकी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में होती है। कुलमिलाकर शेरपा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में गाइड की भूमिका अदा करते हैं।

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कई नेता रह चुके हैं शेरपा

जी-20 और जी08 जैसे सम्मेलनों के आयोजन से महीनों पहले शेरपा की नियुक्ति संबंधित सरकारें करती हैं। ऐसे लोगों/अधिकारियों को शेरपा नियुक्त किया जाता है, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्ञान रखते हों और विषयों के जानकार हो। जहां तक भारत की बात है तो शक्तिकांत दास, सुरेश प्रभु, अरविंद पनगढ़िया और मोंटेक सिंह अहलूवालिया भी भारत की तरफ से शेरपा रह चुके हैं। ये सभी अपने-अपने क्षेत्र के दिग्गज हैं और आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विषयों की अच्छी और ठोस जानकारी रखते हैं। शक्तिकांत दास वर्तमान में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर हैं, जबकि सुरेश प्रभु केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं।

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