केरल एकमात्र राज्य, जिसने पाठ्यपुस्तकों से एनसीईआरटी को हटाया

राज्य के सामान्य शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने कहा कि सरकार ने केरल की अनुकरणीय शैक्षणिक पृष्ठभूमि के अनुरूप ऐसा रुख अपनाया है।

 केरल सरकार ने सोमवार को कहा कि वह देश का एकमात्र राज्य है, जिसने स्कूल की पाठ्यपुस्तकों से ‘राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा हटाए गये सभी हिस्सों को संकलित किया तथा छात्रों के अध्ययन एवं परीक्षा के लिये नई पाठ्यपुस्तक तैयार की।

   राज्य के सामान्य शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने कहा कि सरकार ने केरल की अनुकरणीय शैक्षणिक पृष्ठभूमि के अनुरूप ऐसा रुख अपनाया है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2023 के कार्यान्वयन के संबंध में राज्य के विपक्षी दल यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) द्वारा विधानसभा में पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में यह बात कही।
शिवनकुट्टी ने कहा कि इस नीति को देश में पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु ने इसे पूरी तरह से खारिज कर दिया है तथा कर्नाटक इसके केवल कुछ हिस्सों को लागू करने के लिए सहमत हुआ है।
शिक्षा मंत्री ने दावा किया कि एनसीईआरटी ने कक्षा ग्यारहवीं और बारहवीं की पाठ्यपुस्तकों से महात्मा गांधी की हत्या और इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की कथित भूमिका, भारत में मुगल शासन एवं साम्राज्य एवं भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के कुछ हिस्सों तथा कुछ सांप्रदायिक दंगों सहित बहुत सी चीजें हटा दी हैं।
उन्होंने कहा, इसलिए, हमने हटाए गए सभी हिस्सों को संकलित किया और एक नई पाठ्यपुस्तक बनाई।

यह महज एक पाठ्यपुस्तक नहीं है, बल्कि एक पाठ्यक्रम है जिसे छात्र पढ़ सकते हैं और परीक्षा दे सकते हैं।
पूरक पाठ्यपुस्तकें इस साल अगस्त में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा जारी की गईं।
पुस्तक विमोचन करते समय, विजयन ने स्कूल की पाठ्यपुस्तकों से ‘‘अहम अंशों’’ को हटाने के लिए एनसीईआरटी की कड़ी आलोचना की थी और कहा था कि यह कदम समाज में नफरत और दुश्मनी की भावना फैलाने के लिए तथा राजनीतिक उद्देश्य से उठाया गया था।

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