हिमांशु जोशी/पिथौरागढ़. कुमाऊं मंडल विकास निगम के गेस्ट हाऊस को उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद अब प्राइवेट करने की तैयारी में लगा है जिसकी शुरुआत भी कुमाऊं के तीन गेस्ट हाऊस को पीपीपी मोड में देने से हो गयी है. कुमाऊं में स्थित मुक्तेश्वर, सातताल, नौकुचियाताल गेस्ट हाऊस को पीपीपी मोड में दिया जा रहा है. जिससे केएमवीएन और जीएमवीएन दोनों के कर्मचारियों में नाराजगी है. इन दोनों निगमों के सयुंक्त कर्मचारी महासंघ ने सरकार की इस पहल को उनका विरोधी बताया है.
दरअसल यहां के कर्मचारी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करते आये हैं. जिसमें निगमों के गेस्ट हाऊस को प्राइवेट में न सौंपने की मांग प्रमुख है. जिसके लिए दोनों निगमों के कर्मचारी आंदोलन भी कर चुके हैं.
कर्मचारियों के मांगों को किया जा रहा दरकिनार
संयुक्त कर्मचारी महासंघ कुमाऊं गढ़वाल मंडल विकास निगम के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुरुरानी ने कहा कि सरकार द्वारा जहां 12 अप्रैल को शासन स्तर पर हुए समझौते को लागू नहीं किया जा रहा है. वहीं सरकार द्वारा निगमों के गेस्ट हाऊस को एक-एक करके निजी क्षेत्र में दिए जाने की तैयारी की जा रही है. जिससे कर्मचारियों का मनोबल टूट रहा है. उन्होंने कहा कि निगम के कर्मचारियों ने दिन-रात मेहनत कर निगम के आवास गृहों को लाभ प्रद स्थिति में पहुंचाने के साथ-साथ उत्तराखंड का नाम देश विदेश में प्रसारित प्रचारित किया.दोनों निगमों के कर्मचारियों ने सरकार के हर आदेश का अग्रिम पंक्ति में रहकर पालन किया है. और कोरोना काल में अग्रिम पंक्ति में रहकर अपनी जान की परवाह करे बगैर कार्य किया है उसके बाद भी उनकी मांगों को दरकिनार किया जा रहा है.
उत्तराखंड मूल के है 98 प्रतिशत से ज्यादा कर्मचारी
जीएमवीएन और केएमवीएन में लगभग उत्तराखंड मूल के 98 प्रतिशत से ज्यादा कर्मचारी रोजगार हैं. गेस्ट हाउस को प्राइवेट में सौपें जाने से कर्मचारीयों को अपने भविष्य की चिंता होने लगी है. एकतरफ जहां सरकार द्वारा दोनों निगमों के एकीकरण की बात कहीं जा रही है. दूसरी तरफ से निगम के आवास गृहो को पीपीपी मोड में दिया जा रहा है.
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FIRST PUBLISHED : September 03, 2023, 13:05 IST