किताबों के लिए होना पढ़ता था परेशान, युवा ने पैसे इकट्ठा कर खोली लाइब्रेरी

मनीष कुमार/कटिहार. कहते हैं किताब से अच्छा दोस्त कोई नहीं होता है. लेकिन कई लोगों को यह मिलती नहीं है. अब कटिहार की इस जगह के बच्चों को कोई परेशानी नहीं होगी. क्योंकि यहां के ग्रामीणों की टोली ने सरकार का मूंह देखने के बजाय लोगों से चंदा इकट्ठा कर लाइब्रेरी बनवाई. कटिहार के सुदूर इलाके समेली के नरहैया गांव के युवा कुमार विक्रम ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर आदर्श पुस्तकालय नरहैया की स्थापना साल 2021 में की थी. इस पुस्तकालय के शुरू होने से गांव के युवा जहां कंप्टीशन की पुस्तक पढ़ते दिख रहे हैं. जिसके लिए कभी बाज़ार पर निर्भर रहना पड़ता था. अब गरीब परिवार के बच्चों की पढ़ाई में किताबे बाधा नहीं बनेगी.

स्थानीय लोगों ने बताया कि पुस्तकालय खुलने से बच्चों में पढ़ने की ललक जगी है. जो कभी बिना वजह सड़क पर घूमते थे आज पुस्तकालय में समय बिताते हैं. यहां पर भारतीय स्वतंत्रता की कहानी, धार्मिक और एग्जाम से रिलेटेड किताब पढ़ते नजर आ रहे हैं. स्थनीय लोगों के माने तो उन लोगों ने खुद से चंदा देकर इस ग्रामीण लाइब्रेरी का निर्माण करवाया है ताकि गांव की हर पीढ़ी के लोग पठन-पाठन से जुड़े रहें. शाम 6:00 बजे से रात 9:00 बजे तक इस पुस्तकालय का संचालन पूरा डिसिप्लिन के साथ संपन्न होता है. जबकि सुबह के समय यहां अखबार की भी व्यवस्था की गई है, जिससे युवाओं के साथ-साथ बुजुर्ग भी पहुंचकर देश दुनिया के समाचार से अवगत होते हैं.

चंदा से किया लाइब्रेरी का निर्माण
लाइब्रेरी से जुड़े युवा विक्रम और भवेश कहते हैं कि गांव में पुस्तकालय ना होने की वजह से उन लोगों ने पुस्तक दान अभियान चलाकर और चंदा इकट्ठा कर इस पुस्तकालय का निर्माण किया है. खासकर इसमें नरहैया युवा शक्ति संगठन के युवाओं का अहम योगदान है. कुल मिलाकर नरहैया गांव के युवाओं और लोगों के पहल से खोले गए इस पुस्तकालय की चर्चा अब दूर-दूर तक होने लगी है. लोग भी यहां के युवाओं और लोगों की सोच को सलाम कर रहे हैं.

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FIRST PUBLISHED : October 25, 2023, 16:12 IST

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