परमजीत कुमार/देवघर. करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर अपने पति की दीर्घाऊ की कामना करती हैं. इसलिए करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिये खास होता है. करवा चौथ का पर्व और भी खास माना जाता है क्योंकि इस व्रत को करने से पति-पत्नी के रिश्तों के बीच प्रेम सदैव बना रहता है. वहीं इस दिन चन्द्रमा का भी बहुत खास महत्व है क्योंकि सुहागिन महिलाएं निर्जला रहकर चंद्र दर्शन कर ही व्रत तोड़ती हैं. कई बार ऐसा होता है कि जाने अनजाने में व्रत टूट जाता है तो ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए?
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 को बताया कि इस साल 1 नवंबर को करवा चौथ का व्रत रखा जाएगा. करवा चौथ के दिन सुहागन महिलाएं व्रत रखती हैं, लेकिन कई कारणों के चलते उपवास बीच में ही खंडित हो जाता है. ऐसे मे व्रत को छोड़े नहीं जारी रखें. पूजा पाठ करने के बाद ही और चंद्र दर्शन करने के बाद ही अन्न जल ग्रहण करें.
उपवास खंडित होने के बाद क्या करें
करवा चौथ के दिन अगर सुहागिन महिलाओं का उपवास खंडित हो जाता है. ऐसी स्थिति को ठीक करने के लिए सभी देवी देवताओं से क्षमा प्रार्थना मांगे. इसके साथ ही चंद्रमा से भी क्षमा याचना मांगे, क्योंकि करवा चौथ के दिन ही चंद्रमा दर्शन कर ही अन्न जल ग्रहण किया जाता है.
उपवास खंडित होने पर भी चंद्र दर्शन करें
अगर किन्ही कारणों से सुहागिन महिलाओं का उपवास खंडित हो जाता है तो फिर भी व्रत जारी रखें और चंद्र दर्शन करने के बाद ही अन्न जल ग्रहण करें. इससे पुण्य फल की प्राप्ति होगी.
इन मंत्रो का करें जाप
करवा चौथ के दिन अगर अनजाने में उपवास टूट जाए तो भगवान शिव, गणेश और माता पार्वती से क्षमा प्रार्थना कर ओम नमः शिवाय के मंत्र का 108 बार जाप करें. इससे आपको किसी भी प्रकार का नकारात्मक फल प्राप्त नहीं होगा और व्रत माना जाएगा.
करवा चौथ के दिन करें दान
करवा चौथ के दिन अगर आकस्मिक उपवास टूट जाए तो सुहागन महिलाएं किसी गरीब ब्राह्मण या मंदिर में अन्न या कपड़े दान करें. इससे सकारात्मक फल की प्राप्ति होगी.
पंडित नंदकिशोर मुद्गल के मुताबिक, इस साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 31 अक्टूबर (मंगलवार) की रात 10 बजकर 42 मिनट से होने जा रही है और समापन अगले दिन 1 नवंबर (बुधवार) की रात 9 बजकर 53 मिनट पर होगा. वहीं, उदयातिथि और चंद्रोदय को देखते हुए 1 नवंबर को करवा चौथ का व्रत रखा जाएगा. वहीं, पूजा करने का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 12 मिनट से रात 8 बजकर 43 मिनट तक रहने वाला है.
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FIRST PUBLISHED : October 25, 2023, 16:07 IST