ऑटो सिग्नलिंग सिस्टम से एक पटरी पर एक साथ कई ट्रेनों का किया जाता है परिचालन, जानें क्या है यह सिस्टम

रामकुमार नायक/महासमुंद(रायपुर): छत्तीसगढ़ में ओडिशा के बालासोर जैसी एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना का सामना किया गया है. बीते दिनों, बिलासपुर-रायपुर के मध्य, दाधापारा-चकरभाठा रेलवे स्टेशन के बीच एक ही ट्रैक पर मालगाड़ी और एक्सप्रेस ट्रेन आ गई. मालगाड़ी को देखकर यात्री डर गए और दोनों ट्रेनों का एक ही ट्रैक पर आना यात्रियों के बीच भय को बढ़ा दिया. लोग चीखने और चिल्लाने लगे और इस घटना के बाद आसपास के लोग भी जमकर उमड़ पड़े. यद्यपि यात्री ट्रेन और मालगाड़ी एक दूसरे से थोड़ी दूरी पर थे और ट्रेनों में कोई टक्कर नहीं हुई, तो इसमें रेलवे की बड़ी लापरवाही की आलोचना की जा रही है. वहीं, रेलवे के अधिकारियों ने इस लापरवाही का खंडन किया है.

रायपुर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी शिव प्रसाद ने यात्री ट्रेन और मालगाड़ी के आमने-सामने आने के मामले को लेकर कहा है कि यह कोई दुर्घटना जैसी स्थिति नहीं है. वह बताते हैं कि ऑटो सिग्नलिंग सिस्टम के बाद से एक ही ट्रैक पर दो गाड़ियां चलाई जा सकती हैं और जब ऑटो सिग्नल मिलता है, तो ट्रेन रुक जाती है. उनके अनुसार, इस मामले में कोई दुर्घटना नहीं हो सकती है. बिलासपुर मंडल के कई सेक्शन में ऑटोमेटिक सिग्नलिंग ब्लॉक सेक्शन हैं और रेलवे सामान्य नियम के अनुसार जहां भी सेक्शन बनाता है, वहां एक ही लाइन पर एक से अधिक गाड़ियों का सुरक्षित परिचालन एक डिवीजन में सिग्नल के आधार पर किया जाता है.

क्या है ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम
रायपुर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी शिव प्रसाद ने यात्री ट्रेन और मालगाड़ी के आमने-सामने आने के मामले को लेकर कहा है कि यह कोई दुर्घटना जैसी स्थिति नहीं है. वह बताते हैं कि ऑटो सिग्नलिंग सिस्टम के बाद से एक ही ट्रैक पर दो गाड़ियां चलाई जा सकती हैं और जब ऑटो सिग्नल मिलता है, तो ट्रेन रुक जाती है. उनके अनुसार, इस मामले में कोई दुर्घटना नहीं हो सकती है. बिलासपुर मंडल के कई सेक्शन में ऑटोमेटिक सिग्नलिंग ब्लॉक सेक्शन हैं और रेलवे सामान्य नियम के अनुसार जहां भी सेक्शन बनाता है, वहां एक ही लाइन पर एक से अधिक गाड़ियों का सुरक्षित परिचालन एक डिवीजन में सिग्नल के आधार पर किया जाता है.

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में बिलासपुर से दाधापारा, बिल्हा, गतौरा, जयरामनगर, उसलापुर, घुटकू, और चांपा से कोरबा, नागपुर से भिलाई के 362 किलोमीटर क्षेत्र में ऑटोमैटिक सिग्नल प्रणाली से लैस है. इस प्रणाली में एक सेक्शन में एक साथ कई ट्रेनों का परिचालन किया जाता है. ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम में नागपुर से भिलाई के 279 किलोमीटर, बिलासपुर – जयरामनगर के मध्य 14 किलोमीटर, बिलासपुर – बिल्हा के मध्य 16 किलोमीटर, और बिलासपुर – घुटकू के मध्य 16 किलोमीटर जैसे अनेक रेलवे सेक्शन्स में ऑटोमैटिक सिग्नल प्रणाली को लागू किया गया है.

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