नीरज कुमार/बेगूसराय: आधुनिकता की इस दौर में कृषि के क्षेत्र में हो रहे प्रयोग किसानों के लिए समृद्धि का द्वार खोलने का काम कर रहा है. बेगूसराय के कई किसान परंपरागत खेती से नाता तोड़कर नगदी फसल की ओर रुख कर चुके हैं. ऐसे ही प्रगतिशील किसानों की श्रेणी में शिव शंकर चौधरी भी शामिल हो चुके हैं. इन दिनों शिव शंकर चौधरी की पहचान बेगूसराय जिला में केला उत्पादक किसान के रुप में हो रही है. हालांकि, इस बात का उन्हें जरूर मलाल है कि बागवानी योजना का लाभ नहीं मिला है. इसके बाद भी किसान ने हार नहीं मानी और बिना किसी से मदद लिए खेती करना शुरू कर दिया.
उनकी कमाई की बात की जाए तो एक बीघा में केला की खेती कर 1.50 लाख से अधिक का मुनाफा कमा रहे हैं. बेगूसराय जिला मुख्यालय से 65 किलोमीटर दूर बछवाड़ा प्रखंड अंतर्गत बछवाड़ा गांव के 70 वर्षीय शिवशंकर चौधरी ने बताया कि वर्ष 2018 में कृषि विभाग के एक अफसर से मुलाकात हुई. गांव में हुए मुलाकात के दौरान उनसे केला की बागवानी के फायदे के बारे में जानकारी मिली. तब से एक बीघा में केला की बागवानी कर रहे हैं. केला की खासियत यह है कि कोई भी व्यक्ति अकेले एक घवद को उठा नहीं पाएंगे.
संघर्षों से भरा रहा सफर
केले की बागवानी कैसे की जाए, खाद के रूप में क्या प्रयोग किया जाए, इसको लेकर शुरूआत के दिनों में परेशानी तो हुई. लेकिन आगे चलकर अच्छे तरीके से बागवानी करने लगे हैं. वर्तमान समय में जी-9 वैरायटी के केला एक बीघा में लगाए हुए. इसमें 40 हजार का लागत आया है और 1.50 लाख का मुनाफा हुआ है. लेकिन इस आमदनी को प्राप्त करने में शिव शंकर को काफी संघर्ष करना पड़ा.
किसानों को नहीं मिला योजना का लाम
प्रगतिशील किसान शिव शंकर चौधरी ने बताया कि सरकार की बागवानी योजना धरातल पर किसानों तक नहीं पहुंच पा रही है. शिव शंकर चौधरी को अब तक इस योजना का लाभ का इंतजार है. किसान ने बताया कि कौन उद्यान पदाधिकारी है, उसे हम जानते तक नहीं हैं. जबकि जिला उद्यान विभाग यह दावा करता है कि प्रत्येक प्रखंड में प्रखंड उद्यान पदाधिकारी की नियुक्ति इन किसानों की मदद करने के लिए की गई है. ऐसे में अब यह देखना होगा कि इन किसानों को कैसे योजना का लाभ मिलता है और बछवाड़ा प्रखंड उद्यान पदाधिकारी पर क्या कुछ कार्रवाई हो पाती है.
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FIRST PUBLISHED : September 09, 2023, 22:22 IST