इस सब्जी ने किसान को किया मालामाल, खेत से ही बिक जाता है सारा माल

रितेश कुमार/समस्तीपुर.समस्तीपुर के किसान इन दिनों तरह -तरह की खेती कर रहे हैं. ऐसा ही समस्तीपुर जिले के किसान मंचून हैं. वह 1 एकड़ खेत में ठरिया साग की खेती कर रहें हैं. जो कम लागत में बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं. उक्त किसान का बताना है कि यह ऐसा फसल है, जिसे लोग मंडी में तलाशते रहते हैं. परंतु बहुत कम मिलता है. साथ ही यह फसल किसानों के लिए फायदे का होता है. इस फसल में लागत कम और मुनाफा ज्यादा होता है. इसलिए ग्रामीण क्षेत्र के किसान अपने खेतों में लाल दिखने वाला यह ठरिया का साग काफी मात्रा में उपजाते है.

इस लाल दिखने वाला साग में काफी मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है. जिसे उपयोग करने के लिए डॉक्टर भी सलाह देते हैं. इसी का नतीजा है कि लोग मंडी में इन चीजों को तलाशते रहते हैं. परंतु उन्हें नहीं मिल पाता है. किसानो ने  बताया कि हम लोग जब इसे खेत में लगाते हैं तो दूर दराज के व्यापारी खेतों में आकर ही इन फसल को ले जाते हैं. ग्रामीण स्तर के लोग तो इसे उपयोग करते हैं परंतु शहर के लोग भी इन्हें काफी पसंद करते है. मंडी में लोग तलाशते रहते हैं इसके बावजूद भी सभी लोगों को यह नहीं मिल पाता है  मंडी में जो पहले जाता है उन्हें ही इस तरह का सामान उपलब्ध हो पता है. इस साग को हर कोई तलाशते रहते हैं.

25 दिनों में तैयार हो जाता है साग
किसान मंचून कुमार ने कहा कि यह फसल ऐसा है जो 25 दिनों में तैयार हो जाता है.  इस फसल में लागत सबसे कम होता है और मुनाफा अधिक होता है. इसलिए किसान इन फसल को लगाना काफी पसंद करते हैं. साथी उन्होंने बताया कि हम लोग के यहां जो ठरिया का साग खेत में खेत में उत्पादन होता है, वह सब दूसरे शहर में चले जाते हैं. यहां का साग समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, जयनगर, सहरसा, सुपौल, सिवान, सहित बिहार के अलग अलग जिले में जाता है. जिसकी कीमत हम लोगों के यहां 30 रुपए किलो मिलती है. वही दूसरे शहर में जाने के बाद उसकी कीमत 50 रुपए किलो हो जाता है. इसके बावजूद भी मंडी में लोगों को सही से यह उपलब्ध नहीं हो पता है.

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