इस मंदिर में बरगद और पीपल के वृक्ष है एक साथ, भक्तों की सभी मनोकामना होती है पूरी

पीयूष शर्मा/मुरादाबाद. यूपी का मुरादाबाद पूरी दुनिया में पीतल नगरी के नाम से जाना जाता है. लेकिन बात धार्मिक स्थलों की करें तो यहां के बहुत से ऐसे मंदिर है जो काफी मशहूर हैं. इसके साथ ही भक्तों की मनोकामनाएं भी वहां पूरी होती है. उन्हीं में से एक है मनोकामना श्री हनुमान मंदिर. इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां पर बरगद ओर पीपल दोनों के वृक्ष एक साथ मौजूद है. विद्वानों की मानें तो बरगद (बड़) और पीपल का वृक्ष एक साथ होना बड़े सौभाग्य की बात होता है. इसके साथ ही उस स्थान की मान्यता और ज्यादा बढ़ जाती है.

इस मंदिर के चार दरवाजे पूरब, पश्चिम उत्तर व दक्षिण दिशा की ओर है. मंदिर में हनुमानजी की प्राचीन मूर्ति भी है. 100 साल पहले यहां पर पांच प्रकार की मिट्टी निकली थी. जिस पर दक्षिण मुखी हनुमानजी की स्थापना की गई थी. यहां 100 साल पुराना बरगद व पीपल का पेड़ भी है. इन पेड़ों के नीचे मठ था. जिसमें लोग पूजा-अर्चना करने आते थे. मंदिर में प्राकृतिक रूप से उगा बरगद का पेड़ वास्तु शास्त्र के अनुसार दायीं तरफ व पीपल का पेड़ बायीं तरफ है.

बरगद और पीपल के वृक्ष एक साथ

रेलवे कॉलोनी स्थित मंदिर के पुजारी पंडित अनिल भारद्वाज ने बताया कि पहले मेरे पिताजी इस मंदिर पर अपनी सेवाएं देते थे और अब करीब 15 साल से मैं इस मंदिर पर सेवाएं दे रहा हूं. इसके साथ ही मुरादाबाद में यह मनोकामना श्री हनुमान मंदिर के नाम से जाना जाता है. उन्होंने बताया कि यहां पर 40 दिन लगातार दिए जलाने से मान्यता पूरी होती है. इसके साथ ही सौभाग्य की बात यह है कि इस मंदिर पर बरगद और पीपल दोनों एक ही जगह है.

श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं होती है पूरी

पुजारी ने बताया कि बरगद और पीपल का एक साथ होना बहुत दुर्लभ माना जाता है. जिससे इसकी मान्यता और ज्यादा बढ़ जाती है. इसके साथ ही मंदिर में एक शनि देव की पुरानी पिंडी है. जहां पर लोग दिए जलाते हैं.

इसके साथ ही जो लोग अपनी मनोकामना लेकर आते हैं. वह यहां बड़ और पीपल के पेड़ पर गांठ बांधते हैं. और जब मनोकामना पूरी हो जाती है तो गांठ खोल देते हैं. उन्होंने बताया कि बड़ और पीपल एक जगह होने से मंदिर की मान्यता और ज्यादा बढ़ गई है. लगभग सभी श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं यहां पर पूरी होती हैं.

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