इस पंचायत को ‘राष्ट्रपति’ ने बना दिया रोल मॉडल,अब बिहार के मुखिया सीखेंगे गुर

नीरज कुमार/बेगूसराय : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पंचायती राज के सपने को बिहार के बेगूसराय जिले के नावकोठी पंचायत में देखा जा सकता है. यही वजह है कि बिहार का यह राष्ट्रपति इन दिनों चर्चा का विषय बन गया हैं. हालांकि आपको लग रहा होगा कि भला बिहार में राष्ट्रपति की चर्चा क्यों हो रही है. दरअसल, हम जिसकी चर्चा कर रहे हैं वह देश के राष्ट्रपति नहीं बल्कि बेगूसराय जिले के नावकोठी पंचायत के मुखिया हैं. जिनका नाम ही राष्ट्रपति कुमार है. इन्हें बिहार सरकार के पंचायती राज विभाग के द्वारा ग्राम पंचायती राज विकास पुरस्कार से नवाजा गया है. अब इनकी कार्य योजना को 84 पेज के पंचायत डेवलपमेंट प्लान पुस्तक में प्रकाशित कर पूरे राज्यभर के मुखिया को भेज कर कार्य योजना सीखने के लिए कहा गया है. बता दें कि सितंबर के दूसरे सप्ताह तक बिहार के प्रत्येक पंचायत के मुखिया को यह पुस्तक उपलब्ध हो जाएगा.

मुखिया राष्ट्रपति कुमार ने  कहा कि जब वो राजस्थान घूमने के लिए गए तो वहां देखा की हर पंचायत एक सुंदर और विकसित है. हमें लगा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों का पंचायत यही है. इस दौरान हमें जिज्ञासा हुई की हम भी अगर अपने पंचायत का मुखिया बनेंगे तो ऐसे ही गांव का विकास करेंगे. दो वर्षों के कार्यकाल के दौरान अपने सपने का गांव बना लिया.

नावकोठी पंचायत के विकास मॉडल की हो रही है चर्चा
आपको बता दें कि बिहार सरकार के पंचायती राज विभाग के द्वारा ग्राम पंचायत डेवलपमेंट नामक एक पुस्तक प्रकाशित की  है. जिसमें नावकोठी पंचायत में हुए पंचायत के हर एक कार्यों की कार्य योजना, ग्राम पंचायत में लिए गए निर्णय सहित 2 वर्ष के कार्यकाल के दौरान किए गए हरेक निर्णय को 84 पेज के इस पुस्तक में प्रकाशित कर बिहार के सभी पंचायत के मुखिया को उपलब्ध कराया जा रहा है. मुखिया राष्ट्रपति कुमार ने कहा कि शपथ ग्रहण के बाद पंचायत के तमाम कार्यों को अमल में लाने के बैठक बुलाई और बैठक में लिए गए निर्णय के आधार पर काम किया. वहीं पंचायत में विकास के लिए शिक्षा से लेकर शौचालय और सात निश्चय योजना के कार्यों को देखने के लिए एक-एक कमिटी बनाई. इसी निर्णय के आधार पर काम किया जा रहा  हैं. यही वजह है कि हमारे पंचायत का नाम पूरे बिहार में हो रहा है. ग्रामीण सुधीर रजक सहित अन्य लोगों ने बताया कि गांव के विकास में सरकारी योजनाएं बाधा नहीं बनती है. लोगों की जरूरत के आधार पर राष्ट्रपति अपने निजी पैसे से काम भी करते हैं. आपको बता दें कि मार्च के बाद से अब तक मुखिया राष्ट्रपति कुमार को कई सम्मान मिल चुका है.

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FIRST PUBLISHED : September 04, 2023, 11:02 IST

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