इस ताल में स्नान से मिलता है पुण्य,खूबसूरती कर देती है पर्यटकों को मंत्रमुग्ध

सोनिया मिश्रा/रुद्रप्रयाग. सुकून के पल बिताने के लिए अक्सर लोग उत्तराखंड के पहाड़ों और यहां की खूबसूरत जगहों का रुख करते हैं. यहां उन्हें प्रकृति से रूबरू होने का मौका मिलता है. इन्हीं में से एक है बधाणी ताल, जहां की खूबसूरती ऐसी कि मानो आपकी इससे नजरें ही नहीं हटेंगी.राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में बधाणी ताल स्थित है, जो अपनी सुंदरता के साथ-साथ अपनी मान्यताओं के लिए भी प्रसिद्ध है. यही वजह है कि दूर-दूर से ताल का दीदार करने पर्यटक यहां पहुंचते हैं.

यह ताल समुद्र तल से 7000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, जो रुद्रप्रयाग जिले के जखोली ब्लॉक में है. यह मयाली मोटर मार्ग पर लक्ष्तर गाड़ नदी की घाटी की ढलानों पर है. रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय से इसकी दूरी 60 से 62 किलोमीटर है. करीब 200 मीटर पैदल चलकर यहां पहुंचा जाता है.

भगवान विष्णु को समर्पित है यह ताल
स्थानीय निवासी लखपत राणा बताते हैं कि बधाणी ताल न सिर्फ पर्यटकों के लिए पर्यटक स्थल के रूप में है बल्कि इसका धार्मिक महत्व भी है. यह ताल भगवान विष्णु को समर्पित है. मान्यता है कि यहां पंचमी, मकर संक्रांति, पूर्णिमा, अमावस्या सहित विशेष पर्वों पर स्नान करने से पुण्य मिलता है. यही वजह है कि विशेष पर्वों पर दूर-दूर से पर्यटक यहां बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. साथ ही वह बताते हैं कि ताल के नजदीक ही बैसाखी के दिन मेला भी लगता है, जिसमें इस क्षेत्र के बधाणी, खलियाण, मुनियाघर, जखोली, कपणिया, जखवाडी कोर्ट समेत कई गांवों के लोग पहुंचते हैं.

रंग-बिरंगी मछलियां आकर्षण का केंद्र
यहां घूमने आए पर्यटक निवास चमोला बताते हैं कि बधाणी ताल में रंग-बिरंगी मछलियां हैं. जो सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती हैं. हम समय-समय पर ताल का दीदार करने आते रहते हैं. सर्दियों में जब चारों तरफ बर्फ की चादर घिरी होती है, तो यह ताल और ज्यादा खूबसूरत दिखाई देता है.

कैसे पहुंचे बधाणी ताल?
बधाणी ताल तक बाय रोड पहुंचने के लिए ऋषिकेश से NH-7 से होते हुए पहले रुद्रप्रयाग पहुंचना होगा. उसके बाद केदारनाथ रूट पर तिलबाड़ा नाम की जगह है, जहां से होते हुए जखोली ब्लॉक के मयाली होते हुए यहां पहुंचा जाता है. हवाई सेवा और ट्रेन सुविधा यहां अभी उपलब्ध नहीं है.

(NOTE: इस खबर में दी गई सभी जानकारियां और तथ्य मान्यताओं के आधार पर हैं. LOCAL 18 किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता है.)

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