इस गांव में हर किसान करता है केले की खेती, सालाना कमाते हैं लाखों का मुनाफा, जानिए इसका राज

मो. सरफराज आलम/ सहरसा.जिले का एक ऐसा इलाका है जहां लगभग 100 एकड़ में केले की खेती की जाती है. इस कारण यह इलाका केले की खेती करने वाले गांव के नाम से ही जाना जाने लगा है. ऐसे में अगरआप भी पारंपरिक खेती से इतर वैकल्पिक खेती के बारे में सोच रहे हैं, तो आपके लिए केले की खेती बेहतर विकल्प साबित हो सकती है. एक एकड़ में लगभग 80 हजार खर्च कर हर साल 1 लाख से अधिक का मुनाफा कमा सकते हैं.दरअसल, जिले के सत्तरकटैया प्रखंड के बरहशेर पंचायत के अधिकांश किसान केले की खेती करते हैं. गांव के किसान बलराम कुमार बताते हैं कि वे 5 एकड़ में केले की खेती कर रहे हैं. मौसम सही रहने पर अच्छा मुनाफा हो जाता है.

कृषि विभाग की निगरानी में करते हैं खेती

लोकल 18 से खास बातचीत करते हुए किसान बालाराम कुमार ने बताया कि पारंपरिक खेती के अलावा केले की खेती किसानों के लिए आर्थिक रूप से सबल होने के लिए बेहतर विकल्प है. उन्होंने बताया कि केले की खेती के लिए हमने सबसे पहले कृषि विभाग से जानकारी हासिल की. फिर, उद्यान विभाग से G9 वैरायटी का बीज लेकर खेत में लगाया. समय-समय पर सिंचाई और खाद के साथ कृषि विभाग के वैज्ञानिकों के द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए समय-समय पर कीटनाशक व पोषक रसायन का छिड़काव करते हैं.

1 एकड़ में 80-85 हजार का आता है खर्च

किसान बताते हैं कि 5 एकड़ में केले की खेती कर मैं काफी खुश हूं. क्योंकि मुझे कम लागत में बेहतर मुनाफा हो रहा है. उन्होंने बताया कि एक एकड़ केले की खेती पर 80 से 85 हजार रुपए का खर्च आता है.एक बार बीज लगाने के बाद 3 साल तक फलन होता है. इससे हर साल एक लाख से अधिक का मुनाफा होता है. उन्होंने बताया कि उत्पादन के बाद बाजार की भी कोई समस्या नहीं है. इसलिए किसानों को पारंपरिक खेती के अलावा कुछ इस तरह की खेती भी करनी चाहिए, जिससे उनकी आमदनी बढ़े और वह आर्थिक रूप से सबल हो सके.

त्योहारी सीजन में मिलता है बढ़िया रेट

किसान बलराम कुमार बताते हैं किबिहार के बाहर के व्यापारी यहां केले की खरीदारी करने आते हैं. इनमें सहरसा के साथ-साथ, मधेपुरा, सुपौल और दरभंगा आदि जिलों के व्यापारी होते हैं. केले की क्वालिटी के हिसाब से खेत पर ही रेट तय हो जाता है. इसके बाद वे लोग केला कटकर लेकर चले जाते हैं. खासतौर से दशहरा और छठ के समय सामान्य से ज्यादा रेट मिलता है, क्योंकि त्योहार के समय केला की मांग काफी बढ़ जाती है.

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