इसे कहते हैं दोस्‍ती! एक आवाज में दौड़ी चली आती है बसंती, दिलचस्प है इंसान और मादा मगरमच्छ का ये प्रेम

अशोक यादव/कुरुक्षेत्र: इंसान और जानवर का रिश्ता मुश्किल से ही बन पाता है. शायद ही दोनों एक दूसरे की भाषा समझ पाते हैं. लेकिन आज हम देखेंगे उत्तर भारत का एकमात्र मगरमच्छ प्रजनन केंद्र, जहां पर आपको शोले फिल्म की झलक देखने को मिल जाएगी. इंसान और जानवर का रिश्ता देख आप भी रश्क करेंगे. दरअसल केयरटेकर जयपाल बंसती को आवाज लगाता है और वो दौड़ी चली आती है. 

लेकिन यहां पर कोई शोले फिल्म वाली बंसती नहीं, जिसे आवाज लगाई जा रही है. बल्कि मादा मगरमच्छ है, जो केयरटेकर की एक आवाज पर दौड़ी चली आती है. इस मगरमच्छ प्रजनन केंद्र में इंसान और जानवर का रिश्ता बड़ा दिलचस्प है. केयर टेकर मादा मगरमच्छ को आवाज लगाता है और वह तुंरत केयरटेकर के पास चली आती है. ये तस्वीरें नजदीक से देखेंगे तो आप भी दंग रह जाएंगे, लेकिन जयपाल और बंसती का ये रिश्ता सच में अनोखा है. 


यहां 40 करीब 40 मगरमच्छ हैं

हरियाणा प्रदेश के उत्तर भारत का एकमात्र मगरमच्छ प्रजनन केंद्र कुरुक्षेत्र में ज्योतिसर से पेहवा रोड पर भोर सैयंदा गांव में स्थित है. ये मगरमच्छ प्रजनन केंद्र 4 किले में बना हुआ है, जिसमें 2 किला मगरमच्छ के लिए और 2 किला अन्य जीव जतुंओ के लिए है. गोताघोर परगट सिंह ने बताया कि यहां करीब 40 मगरमच्छ है. इनमे से अधिकांश मगरमच्छों का नाम केयरटेकर जयपाल ने नाम रखा है.

कोई सूरज है कोई बसंती
कोई सूरज है तो कोई बसंती. परगट सिंह का कहना है कि 25 से 30 साल पहले एक बाढ़ आई थी, जिससे मगरमच्छ का फैलाव कुरुक्षेत्र की नहरों में हो गया था. परगट सिंह ने अब तक 16 मगरमच्छ पकड़े हैं. परगट सिंह ने बताया कि उसे ये काम करते हुए डर नहीं लगता ये उनका काम है.

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