इंटरनेट बैन हटाते ही मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, दो गुटों के बीच गोलीबारी में 13 लोगों की मौत

मणिपुर में  3 मई से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय झड़पों से भड़का हुआ है। झड़पों में कम से कम 182 लोग मारे गए हैं और लगभग 50,000 बेघर हो गए हैं।

मणिपुर के टेंग्नौपाल जिले में सोमवार दोपहर हुई ताजा हिंसा में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई है। सुरक्षा बलों के अधिकारियों ने कहा कि दोपहर के करीब, टेंग्नौपाल जिले के साइबोल के पास लीथू गांव में आतंकवादियों के दो समूहों के बीच गोलीबारी की सूचना मिली थी।

मामले से अवगत एक अधिकारी ने कहा “निकटतम सुरक्षा बल इस जगह से लगभग 10 किमी दूर थे। एक बार जब हमारी सेनाएं आगे बढ़ीं और उस स्थान पर पहुंचीं, तो उन्हें लीथू गांव में 13 शव मिले। बलों को शवों के पास कोई हथियार नहीं मिला।अधिकारी ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि मृतक लीथु क्षेत्र से नहीं हैं और हो सकता है कि वे किसी अन्य स्थान से आए हों जिसके बाद वे एक अलग समूह के साथ गोलीबारी में शामिल हो गए।

अधिकारी ने कहा न तो पुलिस और न ही सुरक्षा बलों ने मृत लोगों की पहचान की पुष्टि की। पुलिस मौके पर पहुंच गई है। वे मामले की जांच करेंगे।

मणिपुर 3 मई से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय झड़पों से भड़का हुआ है। झड़पों में कम से कम 182 लोग मारे गए और लगभग 50000 बेघर हो गए। रविवार को ही अधिकारियों ने सात महीने के बाद हिंसा प्रभावित राज्य में कुछ जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों को छोड़कर मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध हटा दिया था। उपरोक्त जिलों के क्षेत्रों में या तो मेइतेई या कुकी का प्रभुत्व है और पिछले सात महीनों में अधिकांश हिंसा, गोलीबारी, आगजनी और अपहरण हुए हैं।

केंद्र और मणिपुर सरकार द्वारा राज्य के सबसे पुराने उग्रवादी संगठन यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फोर्स (यूएनएलएफ) के साथ नई दिल्ली में शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के चार दिन बाद निलंबन हटाया गया।

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