दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को कहा था कि शिखर सम्मेलन की व्यवस्था करने में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और राष्ट्रीय सुरक्षा गारद (एनएसजी) उसकी सहायता कर रहे हैं।सक्सेना ने भरोसा जताया कि राष्ट्रीय राजधानी में शिखर सम्मेलन शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित किया जायेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य आगंतुकों को ऐसा अनुभव प्रदान करना है कि वे कहेंगे कि भारत से बेहतर कोई देश नहीं है।
दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने शनिवार को कहा कि यदि शहर की सरकार ने पिछले नौ साल काम किया होता तो राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों के लिए इस समय इतने प्रयास नहीं करने पड़ते।
सक्सेना ने ‘पीटीआई-भाषा’ से साक्षात्कार में कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जी-20 तैयारियों की केवल एक बैठक में हिस्सा लिया और आम आदमी पार्टी (आप) सरकार का कोई अन्य मंत्री किसी बैठक में शामिल नहीं हुआ।
सौंदर्यीकरण के तहत पालम हवाई अड्डे के टेक्निकल एरिया में लगाए गए‘शिवलिंग’ की आकृति के फव्वारों को लेकर ‘आप’ नेताओं की आलोचनाओं का जवाब देते हुए सक्सेना ने कहा कि यदि उन्हें किसी कलाकृति में ईश्वर नजर आता है, तो यह अच्छी बात है।
शहर में शिखर सम्मेलन से संबंधित परियोजनाओं का निरीक्षण करने के लिए दिल्ली के मंत्री क्षेत्रीय दौरे कर रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) केजरीवाल सरकार पर इस समारोह से पहले केंद्र द्वारा किए गए कार्यों का श्रेय लेने का आरोप लगा रही है।
इसे लेकर दोनों पक्षों के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है।
जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों में दिल्ली सरकार की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर सक्सेना ने कहा, ‘‘पिछले दो महीने में किए गए कार्यों से यह साबित हो गया है कि यदि उन्होंने (आप ने) पूरे नौ साल काम किया होता, तो अपेक्षाकृत कम प्रयासों की आवश्यकता होती।’’
उपराज्यपाल से जब सवाल किया गया कि जी-20 की तैयारियों संबंधी बैठक में दिल्ली सरकार के मंत्री नजर क्यों नहीं आए और क्या उन्हें इन बैठकों के लिए आमंत्रित किया गया था, सक्सेना ने कहा, ‘‘अरविंद केजरीवाल जी-20 की एक बैठक में शामिल हुए थे, लेकिन इसके बाद कोई (‘आप’ का मंत्री) नहीं आया। मुझे लगता है कि हमें मिलकर काम करना चाहिए, लेकिन मुझे कोई शिकायत नहीं है।’’
उपराज्यपाल ने तैयारियों संबंधी कार्यों में ‘आप’ सरकार और उनके बीच तालमेल के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘उनकी (मंत्रियों की) सोच अलग है।’’
सक्सेना ने कहा, ‘‘मैंने देखा कि पिछले कुछ हफ्तों में कुछ मंत्रियों ने सड़कों का निरीक्षण किया, लेकिन मैंने पिछले एक साल में किसी को भी ऐसा करते नहीं देखा।’’
शिखर सम्मेलन के लिए खर्च किए गए धन और ‘‘शिवलिंग के आकार’’ के फव्वारों को लेकर हाल में विवाद देखा गया है।
सक्सेना ने कहा, ‘‘जिसे वे शिवलिंग कह रहे हैं, वह मूर्तिकार की कल्पना है। अगर वे इसमें ईश्वर को देखते हैं तो ठीक है, लेकिन मैं इसे एक कलाकृति के रूप में देखता हूं। मैं दूसरों की राय पर टिप्पणी नहीं कर सकता।’’
उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां यह माना जाता है कि कण-कण में भगवान हैं, जहां नदियों की पूजा की जाती है और पेड़ों को राखी बांधी जाती है।
दिल्ली नौ और 10 सितंबर को जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगी। दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को कहा था कि शिखर सम्मेलन की व्यवस्था करने में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और राष्ट्रीय सुरक्षा गारद (एनएसजी) उसकी सहायता कर रहे हैं।सक्सेना ने भरोसा जताया कि राष्ट्रीय राजधानी में शिखर सम्मेलन शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित किया जायेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य आगंतुकों को ऐसा अनुभव प्रदान करना है कि वे कहेंगे कि भारत से बेहतर कोई देश नहीं है।
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