‘अब हम इसे बदल देंगे, कुछ तो होगा…’ अवैध निर्माण पर बॉम्बे हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी

मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को अवैध निर्माणों को लेकर नाराजगी जताई है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि लंबे समय से अवैध निर्माण हो रहे हैं, लेकिन अब इस रवैये को बदलने का वक्त आ गया है कि इस तरह के ढांचों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी. हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा कि क्या इस तरह के अनधिकृत विकास का कोई समाधान है? हाईकोर्ट ने कहा, ‘‘अब हम इसे बदल देंगे…कुछ तो होगा.’’

न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति कमल खाटा की खंड पीठ ने कहा कि एक अदालत के रूप में वह अब यह संदेश देना चाहती है कि इस तरह के अवैध निर्माण नहीं होने दिये जाएंगे. पीठ ने पिछले महीने नवी मुंबई में चार मंजिला एक अनधिकृत आवासीय इमारत के मुद्दे का स्वत: संज्ञान लिया था. इमारत के 29 फ्लैट में से 23 में लोग रह रहे हैं, पांच में ताला लगा हुआ, जबकि एक खाली है.

फ्लैटों पर जताई नाराजगी
अदालत ने कहा कि 23 फ्लैटों को लेने वाले लोगों को यह कहते हुए इसे खरीदने के लिए मनाया गया कि ‘‘कुछ नहीं होगा.’’ हाईकोर्ट ने कहा, ‘‘अब हम इसे बदल देंगे…कुछ तो होगा.’’ पीठ ने सोमवार को सुनवाई करते हुए कहा कि स्थिति की गंभीरता इतनी है कि इमारत में बिजली और पानी का कनेक्शन अवैध रूप से लिया गया है.

अदालत ने कहा बिना देर किए कार्रवाई हो
पीठ ने कहा कि कई बार लोग दीवानी अदालतों का रुख करते हैं और नगर निकाय अधिकारियों की प्रस्तावित कठोर कार्रवाई के खिलाफ स्थगन आदेश जारी करने का अनुरोध करते हैं. न्यायमूर्ति पटेल ने कहा, ‘‘इसे रोके जाने की जरूरत है. हमारा मानना है कि हमें बगैर कोई देर किये कार्रवाई करनी होगी. मैं यह संदेश देना चाहता हूं कि हमारी जानकारी रहने पर ऐसा नहीं होने दिया जाएगा. ऐसी ज्यादातर चीजें अदालतों के चलते होती हैं.’’

धड़ल्ले से हो रहे अवैध निर्माण को रोकने में शक्तिहीन…
उन्होंने कहा, ‘‘हमें खुद से कुछ कड़े सवाल करने होंगे. इस (नवी मुंबई की इमारत) मामले को देखिये. यह नियमों का घोर उल्लंघन है.’’ हाईकोर्ट ने कहा कि वह महाराष्ट्र सरकार से यह जवाब चाहता है कि क्या इस तरह के अनधिकृत विकास का उसके पास किसी तरह का समाधान है अदालत ने कहा, ‘‘हम उस स्थिति पर विचार नहीं कर सकते, जहां सरकार धड़ल्ले से हो रहे अवैध निर्माण को रोकने में शक्तिहीन हो.’’

4 अक्टूबर को होगी सुनवाई
पीठ ने अदालत के अधिकारी को जमीन और चार मंजिला इमारत का कब्जा लेने का निर्देश दिया तथा बिल्डर, और इमारत के 23 फ्लैट में रह रहे लोगों को नोटिस जारी किए. पीठ ने विषय की अगली सुनवाई चार अक्टूबर के लिए निर्धारित कर दी.

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