अब वंदे भारत ट्रेन में सुनाई जाएगी वीर क्रांतिकारी बारहठ परिवार की गाथा, जानें कौन थे

 रवि पायक/ भीलवाड़ा:  राजस्थान प्रदेश का मेवाड़ अपने प्राचीन परंपराओं और क्रांतिकारी वीरों को लेकर पूरे देश में अपनी एक अहम भूमिका निभाता हैं वही देश की आजादी में अपना योगदान देने वाले वीर क्रांतिकारी के बारे में बात की जाए तो सबसे पहले भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा के बारहट परिवार का नाम आता है. जिन्होंने देश की आजादी में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. वहीं दूसरी तरफ भीलवाड़ा जिले पर के लोगों को बेसब्री से वंदे भारत ट्रेन का इंतजार है वर्तमान परिपेक्ष की बात की जाए तो हर किसी में वंदे भारत ट्रेन में बैठने को लेकर सकता है. वह हर कोई जानना चाहता है कि आखिर वंदे भारत ट्रेन में बैठकर कैसा लगता है. भीलवाड़ा जिले के रहने वाले नागरिकों के लिए सबसे खुशी की बात यह है कि जिस परिवार ने भीलवाड़ा शाहपुरा का नाम रोशन किया है, उस परिवार की गाथा आने वाली वंदे भारत ट्रेन में सुनाई जाएगी. इससे वंदे भारत ट्रेन में सफर करने वाले हर यात्री भीलवाड़ा जिले का शाहपुरा के शूरवीरों की गाथा को बड़ी नजदीक से जान सकेंगे.

दरअसल वीर क्रांतिकारी त्रिमूर्ति शहीद केसरीसिंह, जोरावर सिंह और प्रतापसिंह बारहठ की वीर गाथा वंदे भारत ट्रेन में सुनाई देगी. केंद्र सरकार व रेलवे बोर्ड के निर्णय के बाद आजादी के अमृत महोत्सव के तहत देशभर में होने वाले कार्यक्रमों में शहीदों की स्मृति में वंदे भरत ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ है. यह ट्रेन अब भीलवाड़ा होकर चलेगी. इस ट्रेन में एलईडी टीवी पर शहीदों की बलिदानी गाथा दिखाई जाएगी.

अजमेर रेल मंडल के डीआरएम राजीव धनखड़ ने बताया कि शहीदों की वीर गाथाओं के लिए चित्र एवं सामग्री के वीडियो मांगी गई है, इसके साथ ही बारहठ गौरव ग्रंथ व स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया. 14 अगस्त को भीलवाड़ा रेलवे स्टेशन पर शहीद परिवारजनों को आमंत्रित कर उनका सम्मान करने का काम अजमेर रेल मंडल ने किया था. उस समय भीलवाड़ा स्टेशन मास्टर दिनेश शर्मा ने शहीद परिवारजनों का परिचय करवाया था. क्रांतिकारी बारहठ परिवार की बलिदानी गाथाओं को बखान कैलाश 5 जाड़ावत ने किया था.

जानें कौन है वीर क्रांतिकारी शहीद केसरी सिंह बारहट –

शहीद केसरी सिंह बारहट का जन्म 21 नवंबर, 1872 को राजस्थान की शाहपुरा रियासत के देवपुरा गांव में हुआ था उनकी शिक्षा उदयपुर में संपन्न हुई. उन्होंने बंगाली, मराठी, गुजराती, संस्कृत आदि भाषाओं के अलावा इतिहास, दर्शन (भारतीय और यूरोपीय), खगोलशास्त्र, ज्योतिष आदि में शिक्षा प्राप्त की. महान क्रान्तिकारी और कवि शहीद केसरी सिंह बारहठ का निधन 14 अगस्त, 1941 को हुआ था.

शहीद केसरी सिंह बारहठ का मानना था कि देश को आजादी का माध्यम सशस्त्र क्रांति ही हो सकती है. वर्ष 1910 में उन्होंने ‘वीर भारत सभा’ की स्थापना की थी. प्रथम विश्वयुद्ध 1914 के समय से ही क्रांतिकारी सशस्त्र क्रांति की तैयारी में जुट गए, इसे सफल बनाने के लिए बारहठ ने अपनी दो रिवाल्वर क्रांतिकारियों को दिए और कारतूसों का एक पार्सल बनारस के क्रांतिकारियों को भेजा व रियासती और ब्रिटिश सेना के सैनिकों से संपर्क किया. उनकी मुलाकात महर्षि श्री अरविन्द से वर्ष 1903 में हो चुकी थी और उनके क्रान्तिकारी रास बिहारी बोस व शचीन्द्र नाथ सान्याल, ग़दर पार्टी के लाला हरदयाल और दिल्ली के क्रान्तिकारी मास्टर अमीरचंद व अवध बिहारी बोस से घनिष्ठ सम्बन्ध थे. केसरी सिंह और अर्जुन लाल सेठी को ब्रिटिश सरकार की गुप्तचर रिपोर्टों में राजपूताना में सशस्त्र क्रांति को फैलाने के लिए जिम्मेदार माना गया था.

साल 1912 में राजपूताना में ब्रिटिश सी.आई.डी.द्वारा जिन व्यक्तियों की निगरानी रखी जानी थी उनमें केसरी सिंह का नाम राष्ट्रीय-अभिलेखागार की सूची में सबसे ऊपर था. केसरी सिंह को शाहपुरा में ब्रिटिश सरकार द्वारा दिल्ली-लाहौर षड्यन्त्र केस में राजद्रोह, षड्यन्त्र व कत्ल आदि के जुर्म लगा कर 21 मार्च, 1914 को गिरफ्तार किया गया। इसके लिए उन्हें राजस्थान से बाहर बिहार की हजारीबाग केन्द्रीय जेल में भेज दिया गया. वर्ष 1920 में उन्हें रिहा कर दिया गया. इसके बाद सेठ जमनालाल बजाज के बुलाने पर केसरी सिंह सपरिवार वर्धा चले गए. वर्धा में उन्होंने ‘राजस्थान केसरी’ नामक साप्ताहिक समाचार पत्र का प्रकाशन शुरू किया और इसके सम्पादक विजय सिंह पथिक को बनाया. यहीं पर उनकी मुलाकात महात्मा गांधी से हुई.

जाने क्या मिलेगी वंदे भारत ट्रेन में सुविधा

भारत की सबसे तेज ट्रेन माने जाने वाली वंदे भारत ट्रेन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है
ट्रेन में ऑटोमेटिक दरवाजे लगे हैं यह ट्रेन 100 किलोमीटर की स्पीड 52 सेंकड में पकड़ लेती है
इनमें जीपीएस आधारित सूचना सिस्टम, सीसीटीवी कैमरे, वैक्यूम आधारित बायो टॉयलेट, ऑटोमैटिक स्लाइडिंग डोर समेत तमाम सुविधाएं हैं वंदे भारत 2.0 ट्रेन में कवच (ट्रेन कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम) की सुविधा है

Tags: Bhilwara news, Hindi news, Local18, Rajasthan news

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *