अनोखी पहल: कबाड़ से बने ऑफिस और घर आपने देखा क्या, जानें पिंकी माहेश्वरी की काबिलियत

नई दिल्ली:

जब कोई महिला कुछ करने का ठान लेती है तो वो पूरी तरह उसमें जुट जाती है. जयपुर की पिंकी माहेश्वरी पर्यावरण संरक्षण के साथ ही महिलाओं को सशक्त बनाने का काम कर रही है. उन्होंने अब तक कई महिलाओं को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाया है. अपने अनोखे अंदाज में काम करने को लेकर उन्हें हाल ही राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित किया गया था. इस ऑफिस में इंटर करते ही हर चीज आपको कबाड़ी के जुगाड़ से बनी हुई दिखाई देगी. ऑफिस का मेन गेट एक गाड़ी के कबाड़ से बना है, सोफे गाड़ी के टायर से बने हैं, ऑफिस में बैठने की टेबल जीप के कबाड़ की है और वाशरूम में भी कबाड़ का वॉशबेसन है.

पिंकी कबाड़ और पुरानी चीजों को रीसायकल करके खास चीज तैयार करती है. घर के मेन गेट से लेकर बैठने के सोफे हर चीज में जुगाड़ देखने को मिलेगी. खास बात ये है कि पेड़ पौधों को बचाने के लिए पिंकी अपने कागज के प्रोडक्टस के लिए कपड़े से बनी लुगदी का इस्तेमाल करती है कागज का नहीं. पिंकी के ऑफिस निर्माण में जो ईंट लगी है उनमें राम नाम लिखा गया है.

MBA पढ़ाई करने के बाद क्रिएटिव पर किया फोकस 

एमबीए करने के बाद पिंकी एक एडवरटाइजिंग कंपनी में लगभग आठ साल तक काम करती रहीं और फिर जयपुर में भी एक-दो साल तक काम किया. शादी होने और फिर मां बनने के बाद उन्होंने फैसला किया कि अब वह नौकरी नहीं करेंगी और खुद का कोई काम करेंगी. पिंकी बताती हैं, ‘नौकरी छोड़ने के कुछ महीने बाद मेरे एक साथी ने मुझसे हाई-प्रोफाइल कुछ मेहमानों के लिए हैंडमेड वेलकम कार्ड्स बनाने के लिए कहा, पिंकी काम के दौरान क्रिएटिव काम से ही जुड़ी हुई थी, इसलिए उन्हें मेरी रुचि के बारे में पता था. तब मैंने कुल 150 मेहमानों के लिए कार्ड्स बनाए. उस कार्ड्स को काफी पसंद किया गया.

पिंकी को क्राफ्ट में रुचि बचपन से थी, इसलिए पिंकी ने ईकोफ्रेंडली पेपरबैग, गिफ्ट रैपर, आमंत्रण कार्ड वगैरह बनाने का काम शुरू किया और 2015 में अपना खुद के स्टार्टअप की शुरुआत की. पेड़ बचे रहे, इसलिए पिंकी ने कपड़ों से पेपर बनाने का काम शुरू किया. और फिर उससे गिफ्ट रैपर या बैग बनाने लगी.पिंकी अपने इस काम के जरिये बहुत सी महिलाओं को रोजगार देकर सशक्त बना रही है.

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