रामकुमार नायक/महासमुंदः देश में हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष पौराणिक महत्व माना जाता है. हिंदू पंचांग के मुताबिक, हर माह में दो बार एकादशी व्रत आता है. पहला एकादशी व्रत कृष्ण पक्ष में तो दूसरा एकादशी व्रत शुक्ल पक्ष में आता है. भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस बार अजा एकादशी व्रत 10 सितंबर 2023 दिन रविवार को है.
शास्त्र के अनुसार, अजा एकादशी व्रत करने से भूत-प्रेतों का भय समाप्त हो जाता है. अजा एकादशी व्रत कथा सुनने से अश्वमेघ यज्ञ करने के समान फल मिलता है. इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करने के बाद भगवान श्री हरि विष्णु की मूर्ति स्थापना के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए. पूजा में भूलकर भी फूल, नारियल, सुपारी, फल, लौंग, अगरबत्ती, घी, पंचामृत भोग, तेल का दीपक तुलसी, दाल, चंदन आदि चीजें शामिल करने नहीं भूलना चाहिए.
ज्योतिषाचार्य क्या बताते हैं
ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज शुक्ला ने कहा कि हमारे शास्त्रों में 12 महीने में कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष के 24 एकादशी का व्रत बताया गया है. जब पुरुषोत्तम मास आती है तब उस महीने के एकादशी को मिलाकर 26 एकादशी हमारे शास्त्रों में वर्णित है. सभी एकादशियों का समर्पण भगवान विष्णु को है. भगवान विष्णु जी के नाम से यह व्रत रखी जाती है. इन सभी एकादशियों के अलग अलग नाम बताए गए हैं. उसमें यह भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी के नाम से जानी जाती है जोकि 10 सितंबर रविवार को यह व्रत किया जाएगा. यह एकादशी मोक्ष की प्राप्ति तथा कोई बाहरी तत्वों यानी हवा, भूत प्रेत के साया से प्रभावित हो वह नकारात्मक शक्तियों से बचाव करती है.
नोटः न्यूज 18 इसकी पुष्टि नहीं करता है, ज्योतिषाचार्य के द्वारा बताए गए तथ्य हैं
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FIRST PUBLISHED : September 10, 2023, 12:18 IST