सुप्रीम कोर्ट से लेकर लोअर कोर्ट तक के वीकली राउंड अप में इस सप्ताह कानूनी खबरों के लिहाज से काफी उथल-पुथल वाला रहा है। हरियाणा में प्राइवेट नौकरियों में राज्य के निवासियों को 75% आरक्षण को हाई कोर्ट ने रद्द किया। कुत्ते ने काटा तो हर एक दांत के निशान पर मिलेगा 10 हजार का मुआवजा। दिल्ली हाईकोर्ट ने एमसीडी को क्यों लगाई फटकार? क्या ज्ञानवापी के बाद शाही ईदगाह परिसर का होगा ASI सर्वे? इस सप्ताह यानी 13 नवंबर से 18 नवंबर 2023 तक क्या कुछ हुआ? कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट और टिप्पणियों का विकली राउंड अप आपके सामने लेकर आए हैं। कुल मिलाकर कहें तो आपको इस सप्ताह होने वाले भारत के विभिन्न न्यायालयों की मुख्य खबरों के बारे में बताएंगे।
हरियाणा में प्राइवेट जॉब का 75% कोटा कोर्ट ने किया रद्द
पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा के स्थानीय लोगों के लिए प्राइटर में 75 फीसदी आरक्षण देने के कानून को रद्द कर दिए। इस कानून को फरीदाबाद गुस्याम के उद्योगपतियों ने चुनौती दी थी। कोर्ट ने अपने टि में कहा कि राज्य सरकार का यह एक्ट अरन और संविधान के भाग- 3 है। इसको बनाने के लिए हरियाणा सरकार पास कोई संवैधानिक अधिकार नहीं इसे किया गया तो दूसरे प्रदेश में इस दिशा में आगे बढ़ेंगे। हरियाणा सरकार की ओर से ऐडवोकेट जनरल बलदेवराज महाजन ने फैसले के खिलाफ जल्दी ही सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करेगे। राज्य सरकार नेता कि यह कोटा सिर्फ उन्हीं निजी संस्थानों पर लागू होगा 10 या उससे लोग नौकरी कर रहे हो और 30 हजार प्रति महीने से वाम हो।
कुत्ते ने काटा तो 10 हजार का मुआवजा
पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाव, हरियाणा और चंडीगढ़ को निर्देश दिए है कि डॉग वाइट के केसों में पीड़ितों को मुआवजा मिले। फैसले के मुताविक, कुत्ते के काटने से संबंधित मामलों में एक दांत के निशान के लिए वित्तीय मदद न्यूनतम 10 हजार रुपये होगी। कुत्ता किसी का मांस नोच लेता है तो प्रति 0.2 सेंटीमीटर घाव के लिए न्यूनतम मुआवजा 20 हजार रुपये होगा। कोर्ट ने कहा कि शिकायत मिलने पर पुलिस डीडीआर दर्ज कर दावे की जांच करेगी। कोर्ट ने अलग-अलग 193 याचिकाओं का निपटारा कर दिया। हाई कोर्ट में पहली बार किसी मामले से जुड़ी इतनी याचिकाओं का एक साथ निपटारा किया गया है। इस मामले में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ की ओर से कुत्तों के काटने के मामलों पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की जा चुकी है। कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा राज्यों के अलावा चंडीगढ़ को इस तरह के मुआवजे तय करने के लिए समितियां बनाने के लिए कहा है। ये समितियां संबंधित जिलों के उपायुक्तों की अध्यक्षता में बनाई जाएंगी। समितियों को ऐप्लिकेशन मिलने और जांच के बाद चार महीनों के अंदर मुआवजा राशि जारी करनी होगी।
मथुरा में शाही ईदगाह के सर्वे के लिए अधिवक्ता आयोग की नियुक्ति की याचिका पर फैसला सुरक्षित
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मथुरा में शाही ईदगाह परिसर के सर्वेक्षण के लिए अधिवक्ता आयोग की नियुक्ति के आवेदन पर अपना निर्णय बृहस्पतिवार को सुरक्षित रख लिया। यह आदेश न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की एकल पीठ ने शाही ईदगाह मस्जिद हटाने की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुरक्षित रखा। वादी का दावा है कि इस मस्जिद का निर्माण एक हिंदू मंदिर के ऊपर किया गया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह से जुड़े सभी मुकदमे इस उच्च न्यायालय को स्थानांतरित किए गए हैं। मुकदमा संख्या एक- भगवान श्री कृष्ण विराजमान बनाम यूपी सुन्नी सेंट्रल बोर्ड में वादियों की तरफ से विवादित संपत्ति का निरीक्षण करने के लिए एक अधिवक्ता आयोग नियुक्त करने की मांग के साथ आवेदन किया गया है। वादी पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने दलील दी कि कई ऐसे संकेत हैं जिनसे साबित होता है कि विवादित संपत्ति एक हिंदू मंदिर है, जैसे कलश, शिखर आदि हिंदू वास्तु शैली के उदाहरण हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने एमसीडी को क्यों लगाई फटकार
दिल्ली हाईकोर्ट ने पुरानी दिल्ली में जामा मस्जिद के निकट स्थित दो सार्वजनिक उद्यानों का कब्जा नहीं लेने के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) से सवाल किया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की पीठ ने एमसीडी को कानून के अनुसार दोनों सार्वजनिक उद्यानों का कब्जा लेने के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश दिया। एमसीडी के वकील ने अदालत को बताया कि जामा मस्जिद से सटे उत्तरी उद्यान (नॉर्थ पार्क) और दक्षिणी उद्यान (साउथ पार्क) उनके कब्जे में नहीं हैं और इन उद्यानों पर मस्जिद अधिकारियों का कथित तौर पर अवैध कब्जा है। पीठ ने कहा कि जैसा कि एमसीडी के वकील का कहना है कि जामा मस्जिद से सटे नॉर्थ पार्क और साउथ पार्क, सार्वजनिक उद्यान होने के बावजूद, उनके कब्जे में नहीं हैं, यह अदालत एमसीडी को कानून के अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश देती है।
जज साहब को क्यों आ गई मुन्ना भाई MBBS फिल्म की याद
बंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ ने उस व्यक्ति को राहत देने से इनकार कर दिया, जिसे नीट परीक्षा में बैठने की इसलिए अनुमति नहीं दी गई क्योंकि उसके पास आवश्यक दस्तावेज नहीं थे। अदालत ने कहा कि कई अभ्यर्थी मेडिकल परीक्षाओं में कदाचार का सहारा लेते हैं और यह ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ फिल्म की याद दिलाता है। न्यायमूर्ति आर वी घुगे और न्यायमूर्ति वाई जी खोबरागड़े की खंडपीठ ने 31 अक्टूबर के अपने फैसले में 49 वर्षीय चिकित्सक श्यामसुंदर पाटिल द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी, जिसमें राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि वह उनके लिए सुपर स्पेशलिटी 2023 परीक्षा के लिए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) आयोजित करे।
Yes Milord: कुत्ते ने काटा तो 10 हजार का मुआवजा, MCD को हाई कोर्ट की फटकार, इस हफ्ते कोर्ट में क्या कुछ हुआ
सुप्रीम कोर्ट से लेकर लोअर कोर्ट तक के वीकली राउंड अप में इस सप्ताह कानूनी खबरों के लिहाज से काफी उथल-पुथल वाला रहा है। हरियाणा में प्राइवेट नौकरियों में राज्य के निवासियों को 75% आरक्षण को हाई कोर्ट ने रद्द किया। कुत्ते ने काटा तो हर एक दांत के निशान पर मिलेगा 10 हजार का मुआवजा। दिल्ली हाईकोर्ट ने एमसीडी को क्यों लगाई फटकार? क्या ज्ञानवापी के बाद शाही ईदगाह परिसर का होगा ASI सर्वे? इस सप्ताह यानी 13 नवंबर से 18 नवंबर 2023 तक क्या कुछ हुआ? कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट और टिप्पणियों का विकली राउंड अप आपके सामने लेकर आए हैं। कुल मिलाकर कहें तो आपको इस सप्ताह होने वाले भारत के विभिन्न न्यायालयों की मुख्य खबरों के बारे में बताएंगे।
हरियाणा में प्राइवेट जॉब का 75% कोटा कोर्ट ने किया रद्द
पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा के स्थानीय लोगों के लिए प्राइटर में 75 फीसदी आरक्षण देने के कानून को रद्द कर दिए। इस कानून को फरीदाबाद गुस्याम के उद्योगपतियों ने चुनौती दी थी। कोर्ट ने अपने टि में कहा कि राज्य सरकार का यह एक्ट अरन और संविधान के भाग- 3 है। इसको बनाने के लिए हरियाणा सरकार पास कोई संवैधानिक अधिकार नहीं इसे किया गया तो दूसरे प्रदेश में इस दिशा में आगे बढ़ेंगे। हरियाणा सरकार की ओर से ऐडवोकेट जनरल बलदेवराज महाजन ने फैसले के खिलाफ जल्दी ही सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करेगे। राज्य सरकार नेता कि यह कोटा सिर्फ उन्हीं निजी संस्थानों पर लागू होगा 10 या उससे लोग नौकरी कर रहे हो और 30 हजार प्रति महीने से वाम हो।
कुत्ते ने काटा तो 10 हजार का मुआवजा
पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाव, हरियाणा और चंडीगढ़ को निर्देश दिए है कि डॉग वाइट के केसों में पीड़ितों को मुआवजा मिले। फैसले के मुताविक, कुत्ते के काटने से संबंधित मामलों में एक दांत के निशान के लिए वित्तीय मदद न्यूनतम 10 हजार रुपये होगी। कुत्ता किसी का मांस नोच लेता है तो प्रति 0.2 सेंटीमीटर घाव के लिए न्यूनतम मुआवजा 20 हजार रुपये होगा। कोर्ट ने कहा कि शिकायत मिलने पर पुलिस डीडीआर दर्ज कर दावे की जांच करेगी। कोर्ट ने अलग-अलग 193 याचिकाओं का निपटारा कर दिया। हाई कोर्ट में पहली बार किसी मामले से जुड़ी इतनी याचिकाओं का एक साथ निपटारा किया गया है। इस मामले में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ की ओर से कुत्तों के काटने के मामलों पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की जा चुकी है। कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा राज्यों के अलावा चंडीगढ़ को इस तरह के मुआवजे तय करने के लिए समितियां बनाने के लिए कहा है। ये समितियां संबंधित जिलों के उपायुक्तों की अध्यक्षता में बनाई जाएंगी। समितियों को ऐप्लिकेशन मिलने और जांच के बाद चार महीनों के अंदर मुआवजा राशि जारी करनी होगी।
मथुरा में शाही ईदगाह के सर्वे के लिए अधिवक्ता आयोग की नियुक्ति की याचिका पर फैसला सुरक्षित
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मथुरा में शाही ईदगाह परिसर के सर्वेक्षण के लिए अधिवक्ता आयोग की नियुक्ति के आवेदन पर अपना निर्णय बृहस्पतिवार को सुरक्षित रख लिया। यह आदेश न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की एकल पीठ ने शाही ईदगाह मस्जिद हटाने की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुरक्षित रखा। वादी का दावा है कि इस मस्जिद का निर्माण एक हिंदू मंदिर के ऊपर किया गया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह से जुड़े सभी मुकदमे इस उच्च न्यायालय को स्थानांतरित किए गए हैं। मुकदमा संख्या एक- भगवान श्री कृष्ण विराजमान बनाम यूपी सुन्नी सेंट्रल बोर्ड में वादियों की तरफ से विवादित संपत्ति का निरीक्षण करने के लिए एक अधिवक्ता आयोग नियुक्त करने की मांग के साथ आवेदन किया गया है। वादी पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने दलील दी कि कई ऐसे संकेत हैं जिनसे साबित होता है कि विवादित संपत्ति एक हिंदू मंदिर है, जैसे कलश, शिखर आदि हिंदू वास्तु शैली के उदाहरण हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने एमसीडी को क्यों लगाई फटकार
दिल्ली हाईकोर्ट ने पुरानी दिल्ली में जामा मस्जिद के निकट स्थित दो सार्वजनिक उद्यानों का कब्जा नहीं लेने के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) से सवाल किया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की पीठ ने एमसीडी को कानून के अनुसार दोनों सार्वजनिक उद्यानों का कब्जा लेने के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश दिया। एमसीडी के वकील ने अदालत को बताया कि जामा मस्जिद से सटे उत्तरी उद्यान (नॉर्थ पार्क) और दक्षिणी उद्यान (साउथ पार्क) उनके कब्जे में नहीं हैं और इन उद्यानों पर मस्जिद अधिकारियों का कथित तौर पर अवैध कब्जा है। पीठ ने कहा कि जैसा कि एमसीडी के वकील का कहना है कि जामा मस्जिद से सटे नॉर्थ पार्क और साउथ पार्क, सार्वजनिक उद्यान होने के बावजूद, उनके कब्जे में नहीं हैं, यह अदालत एमसीडी को कानून के अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश देती है।
जज साहब को क्यों आ गई मुन्ना भाई MBBS फिल्म की याद
बंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ ने उस व्यक्ति को राहत देने से इनकार कर दिया, जिसे नीट परीक्षा में बैठने की इसलिए अनुमति नहीं दी गई क्योंकि उसके पास आवश्यक दस्तावेज नहीं थे। अदालत ने कहा कि कई अभ्यर्थी मेडिकल परीक्षाओं में कदाचार का सहारा लेते हैं और यह ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ फिल्म की याद दिलाता है। न्यायमूर्ति आर वी घुगे और न्यायमूर्ति वाई जी खोबरागड़े की खंडपीठ ने 31 अक्टूबर के अपने फैसले में 49 वर्षीय चिकित्सक श्यामसुंदर पाटिल द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी, जिसमें राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि वह उनके लिए सुपर स्पेशलिटी 2023 परीक्षा के लिए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) आयोजित करे।
Source link