World Osteoporosis Day: क्या हड्डियों की बीमारी ऑस्टियोपोरोसिस से मौत भी हो सकती है? डॉक्टर ने बताई बेहद चौंकाने वाली बात

हाइलाइट्स

50 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा सबसे ज्यादा होता है.
सभी लोगों को 50 की उम्र के बाद हर 6 महीने या एक साल में हड्डियों की जांच करानी चाहिए.

Can Osteoporosis Kill You: दुनियाभर में करोड़ों लोग हड्डियों की अलग-अलग बीमारियों से जूझ रहे हैं. हड्डियां हमारे शरीर को मजबूत बनाए रखने के लिए जरूरी होती हैं और हड्डियों में बीमारी हो जाए, तो लोगों के लिए चलना फिरना भी दुश्वार हो जाता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो उम्र के साथ हड्डियां डिजनरेट होना शुरू हो जाती हैं और यही वजह है कि बुजुर्ग लोगों को चलने-फिरने में दिक्कत होती है. हालांकि कई कारणों की वजह से कम उम्र में भी हड्डियां कमजोर होने के मामले देखे जा रहे हैं. इनकी वजह ऑस्टियोपोरोसिस नामक बीमारी हो सकती है.

ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों की सबसे कॉमन और सबसे ज्यादा खतरनाक बीमारी होती है, जिसमें शरीर की बोन मास डेंसिटी (BMD) कम हो जाती है. इससे हड्डियां बेहद कमजोर हो जाती हैं. इस बीमारी से परेशान लोगों की हड्डियां हल्का सा झटका लगने और चलते-फिरते फ्रैक्चर होने लगती हैं. ऑस्टियोपोरोसिस के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए हर साल 20 अक्टूबर को विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस (world osteoporosis day) मनाया जाता है. इस खास मौके पर आपको ऑस्टियोपोरोसिस से जुड़ी सबसे जरूरी बातें जान लेनी चाहिए, ताकि आपको भविष्य में इस दर्दनाक परेशानी का सामना न करना पड़े.

फोर्टिस हॉस्पिटल (ग्रेटर नोएडा) के ऑर्थोपेडिक्स डिपार्टमेंट के कंसल्टेंट डॉ. भरत गोस्वामी के मुताबिक ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों की एक गंभीर बीमारी है, जिसकी वजह से शरीर की बोन मास डेंसिटी (BMD) कम हो जाती है. इससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है. हड्डियां प्रोटीन्स, कैल्शियम और विटामिन डी से मिलकर बनती हैं. ऑस्टियोपोरोसिस की वजह से हड्डियों में इन तीनों चीजों की कमी होने लगती है और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं.

यह बीमारी आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ होती है और 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को इसका जोखिम ज्यादा होता है. हालांकि आजकल की बिगड़ती लाइफस्टाइल और खान-पान की खराब आदतों की वजह से युवा भी इस डिजीज का शिकार हो रहे हैं. ध्यान रखने वाली बात यह है कि ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा होता है. मेनोपॉज के बाद महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम सबसे अधिक होता है. ऐसे में सभी लोगों को 50 की उम्र के बाद समय-समय पर अपनी हड्डियों की जांच करानी चाहिए.

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क्या ऑस्टियोपोरोसिस से मौत हो सकती है?

डॉ. भरत गोस्वामी कहते हैं कि ऑस्टियोपोरोसिस होने पर शरीर की सभी हड्डियों में दर्द होना शुरू हो जाता है.जिन हड्डियों पर ज्यादा वजन आता है, उन जॉइंट्स में ज्यादा दर्द होता है. लोगों की स्पाइन, हिप और पैरों के जॉइंट्स में तेज दर्द होने लगता है. ऑस्टियोपोरोसिस एक दर्दनाक बीमारी है, जिसकी वजह से हड्डियों में फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है. ऑस्टियोपोरोसिस गंभीर हो जाए, तो लोगों को उठने-बैठने और चलने-फिरने में काफी दिक्कत हो सकती है.

हालांकि इसकी वजह से किसी की मौत नहीं हो सकती है. इस बीमारी से बचाव करने के लिए 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को हर एक साल या 6 महीने में अपनी हड्डियों का चेकअप कराना चाहिए, ताकि वक्त रहते इसका पता चल जाए और उसे कंट्रोल करने में आसानी हो सके. एक बार हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, तो उन्हें दोबारा पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता है.

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कैसे मिल सकती है ऑस्टियोपोरोसिस से राहत?

डॉक्टर की मानें तो ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव करने के लिए पर्याप्त कैल्शियम और विटामिन डी लें, कम वसा वाले डेयरी उत्पाद खाएं, हरी पत्तेदार सब्जियां और कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थ लें. इसके अलावा आपको विटामिन डी सप्लीमेंट या डेली मल्टीविटामिन लेने की भी आवश्यकता हो सकती है. नियमित रूप से वजन उठाने वाले व्यायाम करें. स्मोकिंग और शराब से दूरी बनाएं. अगर आप एक महिला हैं और आपको हाल ही में मेनोपोज हुआ है, तो ऑस्टियोपोरोसिस की जांच के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें. अपने चिकित्सक से सलाह लेकर हड्डियों की मज़बूती के लिए सही दवाएं लें.

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