विश्व किडनी दिवस का उद्देश्य स्वस्थ किडनी के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना है और कैसे कोई किडनी के स्वास्थ्य को बनाए रख सकता है और किडनी से संबंधित बीमारियों को रोक सकता है। यह दिन हर साल मार्च के दूसरे गुरुवार को मनाया जाता है। इस वर्ष यह 14 मार्च को पड़ता है। इस दिन 2024 अभियान का विषय ‘सभी के लिए किडनी स्वास्थ्य’ है। यह विषय क्रोनिक किडनी रोग के बढ़ते बोझ और विभिन्न स्तरों पर इन चुनौतियों से निपटने के लिए बेहतर किडनी देखभाल प्राप्त करने पर केंद्रित है। कई अनहेल्दी आदतें आपके गुर्दे के स्वास्थ्य को एक से अधिक तरीकों से प्रभावित कर सकती हैं और धूम्रपान इनमें से एक है। धूम्रपान आपकी किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है और कई समस्याओं में योगदान दे सकता है। किस तरह के खानपान से बढ़ जाता है किडनी डैमेजिंग का खतरा, जानेंगे इस लेख में।
फास्ट फूड
बिजी दिनचर्या और खाना बनाने के आलसपन के आगे फास्ट फूड बेस्ट ऑप्शन लगता है। मोमोज, पिज्जा और बर्गर खाकर मजा तो आता है लेकिन यह सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। इनके सेवन से मोटापा, डायबिटीज और ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं परेशान करने लगती है, इतना ही नहीं ये किडनी डैमेजिंग की भी वजह बन सकते हैं। क्योंकि इनमें सोडिम की मात्रा अधिक होती है और यही चीजें किडनी के लिए नुकसानदायक है।
सोडा
हद से ज्यादा सॉफ्ट ड्रिंक्स या सोडा पीना भी किडनी की सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है। क्योंकि इसमें फास्फोरस पाया जाता है। जो किडनी के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। अगर आप पहले से ही किडनी की समस्याओं से जूझ रहे हैं तो आप बिल्कुल भी सोडा का सेवन न करें।
टमाटर
सब्जी से लेकर दाल में पड़ने वाला टमाटर किडनी से जुड़ी समस्याओं में बिल्कुल इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। टमाटर में पोटैशियम अधिक मात्रा में पाया जाता है जो किडनी को कमजोर बनाती है और दूसरा टमाटर की बीज आसानी से डायजेस्ट नहीं होते। जिस वजह से किडनी सही तरीके से काम नहीं करती।
संतरा
संतरा विटामिन-सी से भरपूर होता है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और स्किन के लिए अच्छा होता है। लेकिन संतरा का टेस्ट खट्टा होता है, जिस वजह से किडनी के मरीजों की खांसी की प्रॉब्लम हो सकती है। आप संतरे की जगह अंगूर, सेब या क्रेनबेरी फलों को खाएं तो बेहतर है।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।