नई दिल्ली :
विश्व हिजाब दिवस का आयोजन सन् 2013 में किया गया था, जब लीबिया की मुस्लिम महिला और मानवाधिकार निर्देशक, आहेडा अब्दुल रहमान ने इसे शुरू किया. विश्व हिजाब दिवस एक महत्वपूर्ण और विशेष दिन है जो मुस्लिम महिलाओं के हिजाब की महत्वपूर्णता को मनाता है. यह दिन दुनिया में 1 फरवरी को मनाया जाता है. इस दिन कई संगठन और समुदाय उत्सव की तैयारियों में जुटते हैं और हिजाब के महत्व को समझाने और प्रमोट करने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं.
विश्व हिजाब दिवस का उद्देश्य मुस्लिम महिलाओं की स्वतंत्रता और आत्म-सम्मान को प्रोत्साहित करना है. यह दिन मुस्लिम महिलाओं को अपने धर्म, संस्कृति और संविधान में उनके अधिकार का समर्थन करता है. इसके अलावा, यह दिन समाज में सामाजिक समानता और समरसता के संदेश को फैलाने का एक माध्यम भी है.
विश्व हिजाब दिवस पर कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जैसे कि सेमिनार, संवाद, सामुदायिक सभा, फैशन शो, और सामुदायिक सेवा कार्यक्रम. इन कार्यक्रमों में, मुस्लिम महिलाएं अपने हिजाब को गर्व से पहनती हैं और इसकी महत्वता को समझाती हैं.
हिजाब की विशेषताएं
1. प्राचीन परंपरा: हिजाब का प्रथम उल्लेख कुरान में है और यह एक प्राचीन परंपरा है जो अद्वितीय धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है.
2. आत्म-सम्मान का प्रतीक: हिजाब मुस्लिम महिलाओं को उनकी आत्म-सम्मान और शर्म को संरक्षित रखने का एक महत्वपूर्ण तरीका है.
3. समाज में सम्मान: हिजाब को पहनने का दृष्टिकोण समाज में महिलाओं के लिए गर्व और सम्मान का प्रतीक माना जाता है.
4. धार्मिक उद्देश्य: हिजाब का प्रयोग धार्मिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है और यह मुस्लिम महिलाओं के लिए धार्मिक सामर्थ्य का प्रतीक है.
5. आदर्शता: हिजाब को उत्तमता का प्रतीक माना जाता है और इसे अपनी आदर्शता की प्रतिष्ठा करने का एक माध्यम समझा जाता है.
6. सामाजिक समरसता का संकेत: हिजाब को पहनने के माध्यम से, मुस्लिम महिलाएं अपने सामाजिक समरसता का प्रतीक बनती हैं और अपने समुदाय के साथ मेल-जोल को बनाए रखती हैं.
7. सुरक्षा: हिजाब महिलाओं को अपनी सुरक्षा के लिए भी मददगार साबित होता है, क्योंकि यह उनकी शारीरिक और मानसिक आत्मसम्मान को संरक्षित रखता है.
इन सभी विशेषताओं के साथ, हिजाब एक महत्वपूर्ण और सांस्कृतिक धारा है जो मुस्लिम महिलाओं के लिए उनकी आबादी को संरक्षित रखने और उनकी धार्मिक और सामाजिक पहचान को मजबूत करने में मदद करती है. विश्व हिजाब दिवस को मनाकर, हम समाज में सामाजिक समानता, समरसता और समझौते की प्रेरणा देते हैं, जिससे हर व्यक्ति के अधिकार और आत्म-सम्मान की समझ में वृद्धि हो.