Women Reservation Bill: स्मृति ईरानी बोलीं- महिलाओं को आरक्षण मोदी की गारंटी, विपक्ष पर भी साधा निशाना

smriti irani

ANI

स्मृति ईरानी ने कहा कि 2014 से मोदी सरकार लगातार महिला उत्थान का काम कर रही है। वंचित महिलाओं को अधिकार की गारंटी सरकार की ओर से दी जा रही है। उन्होंने कहा के संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण का प्रावधान नहीं है।

संसद में महिला आरक्षण विधेयक को लेकर चर्चा लगातार जारी है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने अपने वक्तव्य में कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम को प्रणाम करती हूं। उन्होंने कहा कि मंगलवार का दिन ऐतिहासिक था। उन्होंने कहा कि लक्ष्मी ने संवैधानिक स्वरूप ले लिया है। साधारण परिवार की महिलाओं को मौका मिलने वाला है। साथ ही साथ उन्होंने कहा कि जनसंघ ने महिलाओं के लिए संवैधानिक गारंटी की मांग की थी। पिछली सरकार बिल पास करने में नाकाम रही। 

स्मृति ईरानी ने कहा कि 2014 से मोदी सरकार लगातार महिला उत्थान का काम कर रही है। वंचित महिलाओं को अधिकार की गारंटी सरकार की ओर से दी जा रही है। उन्होंने कहा के संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण का प्रावधान नहीं है। विपक्ष भ्रमित करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि धर्म के नाम पर आरक्षण असंवैधानिक है। महिला सशक्तिकरण में विपक्ष को रोड़ा नहीं बनना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब यह बिल लाया गया तो कुछ लोगों ने कहा कि यह “हमारा बिल” है। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रस्तावित विधेयक के एक लेख में कहा था कि “तीसरे आम चुनाव में एससी/एसटी की महिलाओं के लिए कोई सीट आरक्षित नहीं होगी। लेकिन इस सरकार द्वारा लाया गया विधेयक महिलाओं को तब तक आरक्षण की गारंटी देता है इस बिल के लागू होने के 15 साल बाद

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राष्ट्र की महिलाओं के संवैधानिक विकास में आप रोड़ा न बनें, तो राष्ट्र कृतज्ञ रहेगा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने इसे जुमला कहा, कहा कि हम चिट्ठियां लिख रहे थे, इसलिए काम हुआ। वे ये बता रहे हैं कि आज देश में ऐसा पीएम है, आप उनके साथ पक्षपात करते रहे, इसके बावजूद उन्होंने आपके पत्र को पढ़ा, चर्चा की और संज्ञान लिया। उन्होंने कहा कि हमने महिलाओं की गिनती की है। उन्होंने विपक्ष से कहा कि अब समय आ गया है कि आप आगे आएं, और अपने शब्दों को केवल कागजों या भाषण तक ही सीमित न रखें, बल्कि कार्रवाई के साथ बोलें और नारी शक्ति वंदन अधिनियम का समर्थन करें। 

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