Women Reservation Bill: मायावती ने सरकार की मंशा पर जताया संदेह, जल्द लागू करने की मांग की

Mayawati

ANI

मायावती ने कहा कि इससे साफ है कि यह बिल महिलाओं को आरक्षण देने के इरादे से नहीं लाया गया है। बल्कि आगामी चुनाव से पहले महिलाओं को प्रलोभन देने के लिए लाया गया है।

बसपा प्रमुख मायावती ने महिला आरक्षण विधेयक का स्वागत किया लेकिन इसे लागू करने में सरकार की मंशा पर संदेह जताया। महिला आरक्षण बिल मंगलवार को नए संसद भवन में पेश किया जाने वाला पहला बिल था। कांग्रेस के सुर में सुर मिलाते हुए बसपा प्रमुख ने विधेयक के क्रियान्वयन में हो रही देरी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इस बिल के मुताबिक आने वाले 15-16 सालों में देश में महिलाओं को आरक्षण नहीं दिया जाएगा। इस बिल के पास होने के बाद इसे तुरंत लागू नहीं किया जा सकेगा। सबसे पहले देश में जनगणना कराई जाएगी और इसके बाद सीटों का परिसीमन किया जाएगा। जनगणना में काफी समय लगता है। इसके बाद ही यह बिल लागू होगा। 

मायावती ने कहा कि इससे साफ है कि यह बिल महिलाओं को आरक्षण देने के इरादे से नहीं लाया गया है। बल्कि आगामी चुनाव से पहले महिलाओं को प्रलोभन देने के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी सरकार से अपील करती है कि वह इन दोनों प्रावधानों को बाहर करे या फिर कोई ऐसा रास्ता निकाले जिससे महिलाओं को आरक्षण जल्द मिल सके। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं सरकार से फिर अपील करती हूं कि इस बिल में महिलाओं को दिए गए 33% आरक्षण में एससी, एसटी और ओबीसी महिलाओं को पहले से दिए गए आरक्षण के अलावा भी आरक्षण मिले। अगर सरकार इन अपीलों पर सहमत नहीं होती है तब भी हमारी पार्टी इस बिल का समर्थन करती है। क्योंकि पुरुषों की तुलना में सभी महिलाएं अभी भी पीछे हैं। 

SC-ST को मिले अलग कोटा

इससे पहले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस बिल का समर्थन किया था। हालांकि, उन्होंने आबादी के हिसाब से आरक्षण को 33 से 50 फ़ीसदी बढ़ाने की बात भी कही है। साथ ही साथ उन्होंने कहा कि इसमें एससी, एसटी/ओबीसी कोटा भी सुनिश्चित होना चाहिए। मायावती ने कहा कि बीएसपी के साथ-साथ ज्यादातर पार्टियां महिला आरक्षण बिल के पक्ष में अपना वोट देंगी। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि चर्चा के बाद इस बार यह बिल पास हो जाएगा क्योंकि यह काफी समय से लंबित था। मैंने पहले संसद में अपनी पार्टी की ओर से कहा था कि महिलाओं की आबादी को ध्यान में रखते हुए लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को प्रस्तावित 33% के बजाय 50% आरक्षण मिले। मुझे उम्मीद है कि सरकार इस बारे में सोचेगी। उन्होंने कहा कि साथ ही महिला आरक्षण में ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग की महिलाओं के लिए अलग कोटा सुनिश्चित किया जाए। 

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