फिलहाल विधानसभा के 230 सदस्यों में से महिलाओं की संख्या 10 प्रतिशत से भी कम है। पिछले विधानसभा चुनाव में 230 सदस्यीय विधायिका के लिए केवल 21 महिलाएं चुनी गईं। इनमें से 11 भाजपा से, 10 कांग्रेस से और एक बहुजन समाज पार्टी से थीं।
महिलाओं को संसद और राज्य विधानसभाओं में 33 फीसदी आरक्षण देने का बिल आज लोकसभा से पास हो गया। एक बार यह कानून बन गया तो मध्य प्रदेश विधानसभा की स्थिति में बड़ा बदलाव आएगा। फिलहाल विधानसभा के 230 सदस्यों में से महिलाओं की संख्या 10 प्रतिशत से भी कम है। पिछले विधानसभा चुनाव में 230 सदस्यीय विधायिका के लिए केवल 21 महिलाएं चुनी गईं। इनमें से 11 भाजपा से, 10 कांग्रेस से और एक बहुजन समाज पार्टी से थीं। इसके विपरीत, राज्य में 2.67 करोड़ महिला मतदाता हैं – जो कुल 5.52 करोड़ मतदाताओं का 48.36 प्रतिशत है।
अगर बिल पास हो गया तो मध्य प्रदेश विधानसभा में 76 महिला विधायक बैठेंगी। पिछले तीन विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 10 फीसदी, कांग्रेस ने 12 फीसदी महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। 2008 में, भाजपा ने 23 महिलाओं को विधानसभा टिकट दिया, जिनमें से 15 निर्वाचित हुईं। 2013 में 23 महिलाओं को टिकट मिला, 17 जीतीं। लेकिन 2018 में 24 में से केवल 11 महिलाएं चुनी गईं। कांग्रेस ने 2008 में 28 महिलाओं को टिकट दिया, जिनमें से छह जीतीं। 2013 में 23 महिला उम्मीदवारों में से केवल छह ने जीत हासिल की थी। 2018 में पार्टी ने 28 महिलाओं को टिकट दिया, जिनमें से नौ विधानसभा पहुंचीं। भाजपा और कांग्रेस दोनों महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन कर रहे हैं और इसका श्रेय लेने की होड़ कर रहे हैं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता शोभा ओझा ने कहा कि भाजपा ने 2014 के अपने घोषणापत्र में कहा था कि वे महिला आरक्षण विधेयक लागू करेंगे लेकिन ऐसा करने में उन्हें नौ साल लग गए। उन्होंने कहा, “अब वे चुनाव के कारण यह विधेयक ला रहे हैं। वे जानते हैं कि मतदाता महंगाई, भ्रष्टाचार के कारण नाराज हैं। मैं इस विधेयक के लिए दिवंगत राजीव गांधी जी को धन्यवाद देना चाहती हूं, क्योंकि यह उनका विचार था।” वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मंत्री अलका जैन ने इसका सारा श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री और पार्टी के प्रतीक अटल बिहारी वाजपेयी को दिया। शीर्ष पद पर उनके कार्यकाल के दौरान भी महिला आरक्षण विधेयक को लेकर प्रयास किये गये लेकिन वह सफल नहीं हो पाये। उन्होंने कहा, कटनी में चार विधानसभा क्षेत्र हैं, लेकिन एक भी महिला विधायक नहीं है।