Who Are You? मेरे लिए किया क्या है… जब पुलिस के सामने बेटी ने पिता से पूछा

हाइलाइट्स

पुलिस थाने पहुंची बेटी ने अपने पिता से पूछ लिया कि हू आर यू?
प्रेमी के साथ भागी बेटी ने पुलिस के सामने कहा कि वह बालिग़ है

गोंडा. उत्तर प्रदेश के गोंडा में उस समय एक पिता हतप्रभ रह गया जब अपने प्रेमी और दो वकीलों के साथ पुलिस थाने पहुंची बेटी ने अपने पिता से पूछ लिया कि हू आर यू? आपने मेरे लिए किया क्या है, जिससे मेरा भविष्य बन सके. अब मैंने निर्णय ले लिया है और पीछे हटने का सवाल ही नहीं। बेटी की यह बात सुनकर न सिर्फ पिता बल्कि पुलिस वाले भी चौंक गए.

पूरा मामला उमरी बेगमगंज थाने का है. थानाध्यक्ष का कक्ष खचाखच भरा हुआ था. एक तरफ एक युवती अपने साथ हाईकोर्ट के दो वकीलों को लेकर प्रेमी के परिजनों के साथ बैठी हुई थी, वहीं दूसरी तरफ पीड़ित पिता अपने पूरे परिवार के साथ पुलिस से कार्रवाई की मांग कर रहा था. दरअसल, मामला स्थानीय थाने में 23 मई को दर्ज एक युवती के अपहरण से जुड़ा है. मामले में पीड़ित पिता ने एक युवक और उसके परिजनों के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था.

जिसके बाद पुलिस महीनों युवक के परिवार व परिजनों के नंबर को सर्विलांस पर लगाकर कई जगह खाक छान रही थी. युवती भी अपने प्रेमी के साथ लगातार ठिकाने बदल कर पुलिस वालों को गच्चा दे रही थी. पुलिस द्वारा दबाव बढ़ाए जाने पर युवती ने हाईकोर्ट में एक रिट पिटीशन दाखिल कर डायरेक्शन प्राप्त करके अपने वकीलों के साथ थाना प्रांगण में हाजिर हो गई. माता-पिता को पूरी आशा थी कि शायद युवती उनके सम्मुख आने पर संभवतः वह अपना निर्णय बदल लेगी. लेकिन इसके विपरीत उसने खड़े होकर अपने पिता से कहा कि ‘हू आर यू’? अब तक आपने मेरे लिए क्या किया जिससे मैं अपना भविष्य बना सकूं? अब मैंने निर्णय ले लिया है, पीछे हटने का सवाल ही नहीं उठता.

जिसके बाद साथ में आए उसके वकीलों ने भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रत्येक व्यक्ति को अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करने के अधिकार को मान्यता दी है और भारत के संविधान का अनुच्छेद 21 सभी लोगों को जीवन व व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा देता है. इसमें प्रत्येक व्यक्ति का विशेषकर विवाह को लेकर अंतर्निहित अधिकार शामिल है. वकीलों ने कोर्ट के आदेश का पालन कर उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है. इसी के साथ मामले का पटाक्षेप हो गया. थानाध्यक्ष संजीव वर्मा ने बताया कि विगत 6 माह के अंदर कई ऐसे मामले सामने आए जिसमें पीड़ित अभिभावकों ने अपने बालिग बेटियों के गायब होने पर नामजद अपहरण का मुकदमा लिखाया, जिसमें पुलिस को काफी भाग दौड़ करनी पड़ी। लेकिन अंत में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करना पड़ा.

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