नई दिल्ली/जिनेवा:
कोरोना वायरस (Coronavirus) एक बार फिर से पैर पसारने लगा है. केरल में कोविड का नया सब-वेरिएंट JN.1 (Covid New Sub-Variant) मिलने के बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से इंफ्लूएंजा जैसी बीमारियों पर नजर रखने और रिपोर्ट देने को कहा है. इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोविड-19 के नए सब-वैरिएंट जेएन.1 को ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ के रूप में क्लासिफाइड किया है. हालांकि, WHO ने कहा है कि इससे सार्वजनिक स्वास्थ्य को ज्यादा खतरा नहीं है.
यह भी पढ़ें
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा, “मौजूदा सबूतों के आधार पर कोविड के नए सब-वैरिएंट JN.1 से उत्पन्न अतिरिक्त वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम को वर्तमान में कम माना गया है.” WHO ने कहा कि मौजूदा वैक्सीन JN.1 और कोविड-19 वायरस के अन्य सर्कुलेटिंग वैरिएंट्स से होनी वाली गंभीर बीमारी और मौत से रक्षा करते हैं.
इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सदस्य देशों से मजबूत निगरानी और सीक्वेंस शेयरिंग जारी रखने का आग्रह करते हुए कहा था कि वायरस बदल रहा है और विकसित हो रहा है.
8 दिसंबर को भारत के केरल में भी कोरोना के नए सब-वैरिएंट का पहला मामला सामने आया था. केरल में एक 79 वर्षीय महिला इससे संक्रमित हुई थी. इस मामले के सामने आने पर केरल समेत पड़ोसी राज्य अलर्ट हो गए थे. सोमवार (18 दिसंबर) को केंद्र सरकार ने कोरोना की स्थिति पर निगरानी रखने और अलर्ट रहने से संबंधित सलाह राज्यों के लिए जारी की थी.
केंद्र ने राज्यों को सलाह दी है कि वे आरटी-पीसीआर समेत पर्याप्त टेस्ट सुनिश्चित किए जाएं और पॉजिटिव नमूने जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए INSACOG लैब में भेजे जाएं.
ये भी पढ़ें:-
कोरोना के नए JN.1 वैरिएंट का पहला मामला आने के बाद सरकार अलर्ट, राज्यों को जारी की एडवाइजरी