White Lung Syndrome: चीन में उपजी नई रहस्यमयी बीमारी ‘व्हाइट लंग सिंड्रोम’ (White Lung Syndrome) ने पूरी दुनिया को खतरे में डाल दिया है. यह बीमारी धीरे-धीरे पूरी दुनिया में पैर पसारने लगी है. अमेरिका, नीदरलैंड के अलावा डेनमार्क में भी इसके मामले सामने आए हैं. शनिवार को अमेरिका के ओहायो राज्य में ‘व्हाइट लंग सिंड्रोम’ के 142 मामले दर्ज किए गए. ओहायो डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ ने बताया कि इसे आउटब्रेक करार देने पर विचार किया जा रहा है.
इस नई रहस्यमयी बीमारी को ‘निमोनिया व्हाइट लंग सिंड्रोम’ नाम दिया गया है. इस बीमारी के शिकार ज्यादातर 3 से 8 साल के बच्चे हो रहे हैं. अभी तक इसके कारण का पता नहीं लगाया जा सका है, लेकिन कुछ रिसर्चरों ने अनुमान लगाया है कि माइकोप्लाज्मा निमोनिया बैक्टिरीया इस बीमारी के मुख्य कारक हो सकते हैं. इसके इंफेक्शन से फेंफड़े प्रभावित होते हैं.
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मिली जानकारी के अनुसार, अमेरिका में फैले व्हाइट लंग सिंड्रोम बीमारी के लक्षण चीन के रेस्पिरेटरी बीमारी से कोई संबंध नहीं है. बढ़ते मामले को देखते हुए एक्सपर्ट्स मानने लगे हैं कि कोई नया खतरा आने वाला है.
क्या है व्हाइट लंग सिंड्रोम?
इसके बारे में अभी तक ठोस रूप से कुछ भी कहना गलत होगा. इसके लक्षण के आधार पर इसका नाम दिया गया है. इससे प्रभावित लोगों के फेंफड़े सूज कर सफेद हो जाते हैं.
क्या हैं इसके लक्षण?
* सांस लेने में तकलीफ- नियमित गतिविधियों के दौरान भी सांस लेने या सांस पकड़ने में कठिनाई
* सीने में दर्द- छाती, कंधे या पीठ में लगातार बेचैनी या दर्द होना
* थकान- पर्याप्त आराम के बाद भी गंभीर थकान और ऊर्जा की कमी,
* इसके आलावे वजन का घटना, खांसी- जुखाम, नाक बहना या नाक बंद होना गले में खर्राश और ठंड लगना इसके मुख्य लक्षण हो सकते हैं.
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बचाव के उपाए
नियमित रूप से हाथ धोने, छींकने या खांसने के दौरान मुंह ढकने और बीमार होने पर घर पर रहकर सामाजिक संपर्क से बचने से व्हाइट लंग सिंड्रोम को रोका जा सकता है.

चीन में निमोनिया के मामले
व्हाइट लंग सिंड्रोम, जो कि एक प्रकार का निमोनिया है, वैश्विक पटल पर इसके मामले ऐसे समय में बढ़े हैं जब उत्तरी चीन में सांस की बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं, वह भी खासकर बच्चों में.विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारियों को किसी भी असामान्य या नए प्रकार के सोर्स का पता नहीं चल पाया है. इस बीमारी के बढ़ोतरी के मामले तब सुर्खियों में आईं जब WHO ने पिछले हफ्ते चीन से अधिक जानकारी मांगी थी.
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FIRST PUBLISHED : December 2, 2023, 21:48 IST