पश्चिम बंगाल में राजभवन के बाहर तीन दिन से जारी धरने का नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी ने रविवार को राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर कथित भाजपा समर्थक आचरण के लिए निशाना साधा और मनरेगा के तहत राज्य की बकाया राशि जारी करने पर संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं मिलने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही।
बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ मंत्री फिरहाद हकीम और तृणमूल विधायक मदन मित्रा के आवासों सहित 12 स्थानों पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की गई हालिया छापेमारी का जिक्र करते हुए भारतीय जनता पार्टी पर नेताओं को डराने-धमकाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
सीबीआई ने स्थानीय निकायों में भर्ती प्रक्रियाओं में कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में यह छापेमारी की थी।
बनर्जी ने कहा, ‘‘हमें पता चला है कि राज्यपाल ने राजभवन के बाहर धरने को लेकर राज्य सरकार को पत्र लिखा है।
उन्होंने धरना हटाने का आह्वान किया है। मेरा सवाल यह है कि जब भाजपा नेताओं ने राजनीतिक गतिविधियों के लिए राजभवन का इस्तेमाल किया तो लोकतांत्रिक मानदंडों के लिए उनकी चिंता कहां चली गई थी?
बोस ने रविवार को कहा कि वह मनरेगा के काम से वंचित लोगों से मिलेंगे और उनकी शिकायतें केंद्र के समक्ष उठाएंगे।
राज्यपाल ने मुख्य सचिव एचके द्विवेदी को भी पत्र लिखकर पूछा कि क्या राजभवन के बाहर तृणमूल के धरने के लिए अनुमति दी गई थी।
बनर्जी ने कहा, ‘‘आप भाजपा के राज्यपाल नहीं हैं; आप बंगाल के राज्यपाल हैं। पूर्व में सात बार ऐसा हुआ जब भाजपा ने राजभवन तक विरोध-मार्च निकाला था। क्या आपने तब पुलिस को कोई पत्र लिखा था? नहीं न।
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